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राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं को समझाते हुए कहा कि बीजेपी और आरएसएस की राह पर चलें कांग्रेस कार्यकर्ता!

उत्तर प्रदेश का चुनाव हारने के बाद कांग्रेस पार्टी की हालत काफी खराब हो चुकी है। अभी हाल ही में हुए दिल्ली नगर निगम चुनावों में भी कांग्रेस को करारी हार का मुंह देखना पड़ा। कांग्रेस अपनी इस हार को आसानी से पचा नहीं पा रही है। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि उनके हार की असली वजह क्या है।

पार्टी के मुखिया राहुल गांधी ने अभी हाल ही में नए नियुक्त हुए महासचिवों और सचिवों के साथ बैठक की। राहुल ने उन्हें बीजेपी और आरएसएस की राह पर चलने के लिए कहा। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार राहुल ने बैठक के दौरान सचिवों को समझाते हुए कहा कि अपने सभी फैसलों में कार्यकर्ताओं को शामिल किया जाना चाहिए।

कार्यकर्ताओं के बिना पार्टी की अहमियत नहीं है:

इसके साथ ही राहुल ने नए नियुक्त हुए प्रभारी, सचिवों और महासचिवों को समझाते हुए यह भी कहा कि प्रदेश अध्यक्ष या प्रदेश के किसी अहम पद पर नियुक्ति करने से पहले पार्टी के कार्यकर्ताओं से जरूर पूछ लेना चाहिए। बैठक में राहुल ने कहा कि बिना कार्यकर्ताओं के पार्टी की कोई अहमियत नहीं होती है।

मेहनत करने वालों की हर राय होगी महत्वपूर्ण:

राहुल गांधी ने बैठक के दौरान जोर देकर बीजेपी और आरएसएस का उदहारण दिया। उन्होंने कहा कि आरएसएस में कार्यकर्ता को सबसे पहले प्रचारक की भूमिका दी जाती है, उसके बाद ही बीजेपी में उसकी एंट्री होती है। ठीक उसी तरह हमें भी अपने कार्यकर्ताओं को यह समझाना होगा कि अगर वह पार्टी की भलाई के लिए जी जान से मेहनत करता है तो उसकी राय भी पार्टी के लिए मायने रखती है।

राहुल गांधी हैं इस समय काफी खाली:

बाद में उसे पार्टी में महत्वपूर्ण पद भी दिया जा सकता है। यह सुनकर लोगों ने कहा कि किस तरह से यूपीए की सरकार के दौरान पार्टी में कई पद खाली पड़े रह गए थे, जहां कार्यकर्ताओं को रखा जा सकता था। यह सुनकर राहुल ने जवाब दिया कि हम वही कल्चर खत्म करना चाहते हैं। राहुल कांग्रेस को कैडर बेस पार्टी बनाना चाहते हैं, लेकिन जब कांग्रेस सत्ता में थी तो ऐसा नहीं कर पाए। अब शायद कर पायें, क्योंकि अभी वह खाली हैं।

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