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AAP विधायक के घर पर मिला 630 ऑक्सीजन सिलिंडर, हाई कोर्ट ने ऑक्सीजन की कालाबाज़ारी पर भेजा नोटिस

मुख्यमंत्री जी! मंत्री पर दोष सिद्ध हुआ तो कार्रवाई तो बनती है।

देश में कोरोना संक्रमण के हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं। जिसको लेकर अमेरिका के स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फौसी ने बीते मंगलवार को भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को ‘खतरनाक’ बताया। उन्होंने संक्रमण पर रोक लगाने के लिए भारत सरकार को कई सुझाव दिए। फौसी ने कहा कि भारत में एक साथ कुछ सप्ताह के लिए लॉकडाउन लगाने, टीकाकरण की प्रक्रिया तेज करने और खुले में अस्पताल बनाने की जरूरत है। इसके अलावा देखें तो दिल्ली सहित देश में ऑक्सीजन सिलेंडर के अलावा अन्य आवश्यक वस्तुओं की कमी अभी भी बरकरार है।

सी बीच एक बड़ी खबर निकलकर यह आ रही कि केजरीवाल सरकार में मंत्री और एमएलए इमरान हुसैन ऑक्सीजन की जमाखोरी कर रहें। इसी जमाखोरी को लेकर आज दिल्ली हाई कोर्ट में मंत्री इमरान हुसैन की पेशी होनी है।

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ग़ौरतलब हो एक तरफ जब दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी की खबरें लगातार आ रही। आम लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर मयस्सर नहीं हो पा रहा। इन सबके बावजूद मंत्री इमरान हुसैन अपने लोगों को अपने घर से ऑक्सीजन सिलेंडर बांट रहें। इतना ही नहीं इमरान हुसैन और आम आदमी पार्टी के सोशल मीडिया पर भी बीते दिनों यह प्रचारित किया जा रहा था कि जिन लोगों को ऑक्सीजन की ज़रूरत वह इमरान हुसैन के यहां से ले सकते। जिसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई। जिसपर एक्शन लेते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि इमरान हुसैन यह बताएं कि जिस दौर में अस्पतालों में ऑक्सीजन कम पड़ रही। ऐसे में उन्हें ऑक्सीजन कहाँ से मिल रही? इतना ही नहीं हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से भी अपना पक्ष रखने को कहा है।


यहां जानकारी के लिए आपको बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट का यह फ़ैसला बीते दिनों आया था कि ऑक्सीजन सीधे अस्पतालों को पहुँचाई जाएं। ऐसे में जब आज (शनिवार) को मंत्री इमरान हुसैन कोर्ट के सामने पेश होंगे तो उन्हें कई कड़े सवालों का सामना करना पड़ सकता है। कहीं न कहीं इमरान हुसैन के इस रवैये से आम आदमी की केजरीवाल सरकार भी कठघरे में नज़र आ रही। जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पल्ली की पीठ के सामने आज कैबिनेट मंत्री इमरान हुसैन को यह बताना होगा कि उन्हें ऑक्सीजन कहाँ से मिल रही? अगर वह ऑक्सीजन का बंदोबस्त स्वयं कर रहें फ़िर तो ठीक है वरना उन्हें अवमानना का शिकार होना पड़ सकता है।

गौरतलब हो कि याचिकाकर्ता के वकील ने हुसैन द्वारा ऑक्सीजन वितरण से सम्बंधित एक पोस्ट दिखाते हुए कोर्ट में यह दलील दी थी कि आप सरकार के मंत्री जमाखोरी कर रहें। ऐसे में सवाल अब यही है अगर इमरान हुसैन हाई कोर्ट में जवाब तलब के बाद दोषी पाए जाते तो क्या होगा? क्या दिल्ली सरकार और उसके मंत्री पार्टी की छवि चमकाने के लिए ऐसे कारनामे कर रहें यह तो मंत्री की आज पेशी के बाद ही तय होगा लेकिन एक बात तो तय है वर्तमान में ज़रूरत मानव जीवन बचाने की जद्दोजहद होनी चाहिए, न कि अपना और पार्टी को चमकाने की कोशिश।

समझिए मंत्री जी और ख़ासकर केजरीवाल जी आप! क्योंकि आप आएं दिन केंद्र पर आरोप मढ़ते कि वह कोरोना से लड़ने में कोताही बरत रही। ऐसे में अगर आपके मंत्री साहब दोषी पाए गए तो उनपर कार्यवाही तो बनती है न? आख़िर में एक आंकड़े की बात करें तो 13 अप्रैल से लेकर 3 मई तक जमाखोरी के 113 मुकदमे दिल्ली में दर्ज किए जा चुके हैं। जिसकी पुष्टि दिल्ली सरकार के एक वकील ने की है।

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