स्वास्थ्य

कोरोना पॉजिटिव होने के 14 दिन बाद क्या करवाना चाहिए टेस्ट, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स 

कोरोना वायरस होने के बाद कितने दिनों तक होम आइसोलेशन में रहना चाहिए और दोबारा टेस्ट करवाना चाहिए की नहीं? ये सवाल कई लोगों के मनों में आ रहा है। दरअसल वायरस होने के बाद लोगों को होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जाती है। संक्रमित व्यक्ति को अन्य लोगों से दूर रहने को कहा जाता है। ताकि वो अन्य लोगों को संक्रमित न कर दें। डॉक्टरों के अनुसार होम आइसोलेशन में 10 दिनों तक रहना होता है।

क्योंकि 10 दिनों तक वायरस मर जाता है और वायरस संक्रमित व्यक्ति द्वारा किसी ओर को नहीं लगता है। अगर कोविड होने के बाद एक व्यक्ति खुद को होम आइसोलेशन में नहीं रखता है। तो उसके जरिए दूसरे लोगों में भी ये वायरस फैल जाता है। ऐसे में ये बेहद ही जरूरी है कि कोरोना होते ही होम आइसोलेशन करना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति किस कोरोना मरीज के संपर्क में आता है। तो उसके अंदर 10 से 14 दिन में वायरस के लक्षण विकसित हो जाते हैं।

गुरुग्राम के Ent स्पेशलिस्ट डॉक्टर विनीत चड्डा ने कोरोना से संबंधित एक वेबीनार में बताया कि एक कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद मरीज 10 दिन बाद किसी दूसरे को इनफेक्टिड नहीं करता है। यही वजह है कि कोविड पॉजिटिव लोगों को होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जा रही है। क्वाराइंटन ड्यूरेशन के बीच अगर किसी को लगातार 3-4 दिनों तक बुखार या दूसरे लक्षण नहीं दिखते हैं, तो संक्रमित व्यक्ति स्वस्थ्य है।

कोरोना पर कई तरह के शोध किए गए हैं। स्टडी में भी ये बात सामने आ चुकी है कि कोरोना संक्रमित मरीज 9 दिन तक दूसरों में वायरस संक्रमण नहीं पहुंचाते हैं। अध्ययन के मुताबिक, कोविड संक्रमित व्यक्ति के अंदर मौजूद वायरस की 9 दिन के बाद वायरस संक्रमण फैलाने की क्षमता खत्म हो जाती है।

सिंगापुर स्थित राष्ट्रीय संक्रामक रोग केंद्र (National Centre for Infectious Diseases) (NCID) ने अपने शोध में पाया है कि मरीज 10 दिन बाद संक्रमण से मुक्त हो जाता है। जिन लोगों का इम्यून सिस्टम मजबूत है, उनमें ये वायरस 10 दिन के अंदर ही मार जाता है।

कोरोना संक्रमित मरीज को शुरुआती दिनों में आइसोलेट करना बहुत आवश्यक है। क्योंकि ऐसे में एसिम्पटोमैटिक यानी बिना लक्षण वाले मरीज भी शुरुआत में ही ज्यादा संक्रमण फैला सकते हैं। इतना ही नहीं कोरोना के मरीज को ज्यादा लंबे समय तक अस्पताल में रखने की जरूरत नहीं है।

नहीं करवान होता है टेस्ट

कोरोना संक्रमित रोगी को अगर पिछले कुछ दिनों से कोई लक्षण या बुखार न हों। तो उसे होम आइसोलेशन के बाद निगेटिव RT-PCR टेस्ट दोबारा कराने की जरूरत नहीं होती है। अगर कोरोना होने के बाद उसमें किसी भी तरह के सिम्टम्स नहीं दिखें। तो समझ लें वो सही हो चुका है और उसे टेस्ट की जरूरत नहीं है।

हालांकि कई लोग कोरोना से सही होने के बाद भी टेस्ट करवाते हैं। कोरोना का टेस्ट करवाने के लिए 20 दिनों के बाद की अवधि सही मानी जाती है। अगर आप कोरोना का टेस्ट करवाना चाहते हैं, तो आपको ये टेस्ट पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद 20 दिन बाद ही करवाना चाहिए।

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