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चाणक्य नीति: इन लोगों को भूलकर भी ना बुलाएं अपने घर, और ना ही रखें इनसे कोई वास्ता!

चाणक्य एक महान दार्शनिक और नीति के ज्ञाता थे। उन्होंने अपनी पुस्तक चाणक्य नीति में कुछ ऐसी बातें बताई हैं, जो आज के समय में भी बहुत मायने रखती हैं। उन्होंने कुछ ऐसे लोगों के बारे में बताया है, जिनसे कोई भी रिश्ता नहीं रखना चाहिए। जो लोग ऐसे व्यक्तियों से रिश्ता रखते हैं, जीवन में उनका सिर्फ नुकसान ही होता है। आइये जानते हैं उन लोगों के बारे में जिनसे सावधान रहने के लिए चाणक्य ने कहा है।

इन लोगों से रहें सावधान और ना रखें कोई रिश्ता:

*- दोहरे चरित्र वाले लोगों से:

चाणक्य ने ऐसे दोहरे चरित्र वाले लोगों से सवधान रहने के लिए कहा है, जो आपके मुंह पर मीठी-मीठी बातें करते हैं और आपके पीठ पीछे आपकी बुराई करते हैं। ऐसे किसी भी व्यक्ति से किसी प्रकार का रिश्ता नहीं रखना चाहिए, क्योंकि ऐसे लोगों के जीवन में होने से केवल नुकसान ही होता है। ऐसे लोग कभी भी आपके हानि की वजह बन सकते हैं।

*- जो बुरे काम करते हैं:

जो लोग जीवन में बुरे कर्म करते हैं और हर प्रकार से लोगों को हानि पहुंचाने का काम करते हैं, ऐसे लोगों से दूरी बनाकर रहना चाहिए। कभी-कभी वह लोगों को बहला-फुसलाकर उनसे बुरे काम करवाते हैं। आप भी उन बुरे कामों को करें, इससे पहले ऐसे लोगों से रिश्ता तोड़ लें। ऐसे लोगों को भूलकर भी अपने घर में नहीं बुलाना चाहिए।

*- अवसरवादी लोग:

जो लोग केवल मौका पड़ने पर आपको याद करते हैं और उन्हें दोस्ती की याद केवल उसी वक्त आती है, जब वह मुसीबत में होते हैं। ऐसे लोगों से भी चाणक्य ने दूर रहने के लिए कहा है। ऐसे लोग जरूरत पड़ने पर आपके साथ होते हैं, और बाद में आपका साथ छोड़ देते हैं।

*- फायदा उठाने वाले लोग:

जो लोग समय पड़ने पर आपका फायदा उठाते हैं, वह बहुत ही घातक चरित्र वाले लोग होते हैं। ऐसे लोगों से भी दूरी बनाकर रखनी चाहिए।

*- दुःख देने वाले लोग:

दुनिया में बहुत से ऐसे लोग हैं जो जानबूझकर लोगों को दुःख देते हैं। दरअसल ऐसे लोगों को दुःख देने में मजा आता है। अगर कोई एक बार करे तो उसे माफ किया जा सकता है, लेकिन बार-बार करने वाले के लिए कोई माफी नहीं होती है। ऐसे लोग कभी नहीं बदलते हैं और समय आने पर वह आपको भी दुःख देने से पीछे नहीं हटेंगे। इसलिए ऐसे लोगों से दूरी बना लेने में ही भलाई होती है।

*- जिन्हें वेदों का ज्ञान नहीं हो:

जिन लोगों को वेदों का ज्ञान नहीं होता है, उनसे कोई रिश्ता नहीं रखना चाहिए। चाणक्य का ऐसा मानना है कि वेद हमें जीवन जीने का सही तरीका बताते हैं और यह ज्ञान का सागर होते हैं। सबको वेदों का ज्ञान होना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि जिनको वेदों का ज्ञान नहीं होता है, उनके अन्दर अच्छाई नहीं होती है। ऐसे लोगों के मन में हमेशा बुरे ख्याल आते हैं और वह हर समय बुरे कर्म करते हैं। ऐसे लोगों से दूर रहना जीवन में फायदेमंद होता है।

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