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अपनी ही पत्नी से रचाई 4 बार शादी, ताकि दफ्तर से मिल सके छुट्टी- जानें पूरा मामला

एक आदमी ने दफ्तर से छुट्टियां पाने के लिए चार बार शादी की और तीन बार तलाक लिया। ये अजीबो गरीब मामला ताइवान का है। खबर के अनुसार ताइवान के बैंक में काम करने वाले एक कर्मचारी ने दफ्तर से कुछ दिनों की छुट्टियां पाने के लिए एक ही महिला से चार बार शादी कर ली। वहीं जब बैंक ने इसे ओर छट्टियां देने से मना कर दिया। तो इसने बैंक पर केस दर्ज कर दिया और ये केस जीत भी लिया। बैंक पर भारी जुर्माना लगाया गया।

क्या है पूरा मामला

6,अप्रैल 2020 को बैंक कर्मचारी की शादी थी और उसे बैंक की ओर से आठ ही छुट्टियां मिली थी। जिससे वो नाराज था। वहीं जब शादी के बाद इसकी छुट्टियां खत्म हुईं। तो इसने पत्नी को तलाक दे दिया और दोबारा से इसने बैंक में शादी की छुट्टी का आवेदन कर दिया। बैंक ने इसे छुट्टी दे दी। इस तरह से इसने चार बार एक ही लड़की से शादी की और तीन बार उसे तलाक देकर 30 दिन से अधिक का वैतनिक अवकाश लिया।

दफ्तर से छुट्टी लेने के बहाने इस आदमी ने महज 37 दिन में चार बार शादी की। वहीं जब बैंक ने इसका अतिरिक्त वैतनिक अवकाश नामंजूर कर दिया गया। तो इसने बैंक पर ही केस कर दिया और इस केस को जीत भी लिया। दरअसल क्लर्क ने श्रम ब्यूरो में शिकायत दर्ज कर बैंक पर लेबर लीव कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया।

दिया ये तर्क

कानून के मुताबिक, एक कर्मचारी विवाह के लिए आठ दिन के वैतनिक अवकाश का हकदार है। इस हिसाब से चार बार शादी करने वाले इस व्यक्ति को छुट्टियां मिलनी चाहिए थीं। यही वजह है कि शहर श्रम ब्यूरो ने जांच में बैंक को श्रम कानून के उल्लंघन का दोषी पाया। क्लर्क का मानना था कि वह कानूनी रूप से इन छुट्टियों का हकदार है।

ताइपे सिटी लेबर ब्यूरो ने बैंक पर करीब 700 डॉलर का जुर्माना भी लगाया। हालांकि बैंक ने इस फैसले के खिलाफ अपील दायर की है। बैंक का कहना है कि आरोपी द्वारा मांगी गईं छुट्टियां लेबर स्टैंडर्ड एक्ट के तहत नहीं हैं। वहीं लेबर कमिश्नर ने भी माना कि बैंक क्लर्क ने छुट्टी के लिए जो किया है वो गलत है। लेकिन लेबर एक्ट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। जो किसी को छुट्टी लेने के लिए एक ही लड़की से दोबारा शादी करने से रोकता हो।

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