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बिहार के चूहों ने किया ऐसा कारनामा कि शक के घेरे में आ गई बिहार पुलिस

नीतीश कुमार की शराबबंदी अब रंग दिखाने लगी है, शराब की लत यूंही नहीं जाती मगर नीतीश कुमार ने अपना फैसला पूरे बिहार पर थोप दिया. सही या गलत कौन जाने मगर अब आलम यह है कि बिहार में इंसानों ने शराब पीना छोड़ा तो अब चूहे शराब पीने लगे हैं, आपको यह जानकर हैरानी होगी कि चूहे भी शराब पीते हैं, या हो सकता है इससे आपको किसी घोटाले की बू आने लगे. आप ये भी सोच रहे होंगे कि शराब पीने के बाद चूहों की हरकतें कैसी होती होंगी. या फिर ये शराबी चूहे सामान्य चूहों से कितने मिलते जुलते हैं.

दरअसल मामला यह है कि बिहार के तमाम शहरों में पुलिस थानों के मालगोदामों में रखी शराब की वर्तमान मात्रा और रखे जाते समय की वास्तविक मात्रा में अप्रत्याशित स्तर की गिरावट हुई है, पुलिस वालों से जब इसका कारण पूछा गया तो पुलिस ने बताया कि मालगोदाम में रखी शराब चूहे पी गए. ऐसे में अधिकारियों के सवालों के घेरे में खुद पुलिस ही खड़ी नजर आ रही है.

पुलिस का कहना है कि ज्यादातर बोतलें जब्त किये जाने के बाद मालखाने तक पहुंचने से पहले ही टूट गईं और जो बोतलें सफलतापूर्वक मालखाने तक पहुंचा दी गईं उन्हें चूहों ने अपना पेय पदार्थ बना लिया यानी कि चूहे बाकी की शराब पी गए. इसपर राज्य पुलिस मुख्यालय सख्त हो गया है और मालखाने में रखी शराब की बोतलों का ऑडिट कराया जाना है.

साथ ही पटना के एसएसपी मनु महाराज ने अपने जिले के सभी थानों में तैनात पुलिस ऑफिसर व कर्मियों का ब्रेथ एनलाइजिंग टेस्ट कराने का फैसला लिया है. इस मामले में शराब की सुरक्षा नहीं कर पाने वाले थानेदारों और पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की तलवार भी लटक सकती है.आपको बता दें कि पिछले 13 महीने में बिहार पुलिस ने करीब 9.15 लीटर शराब जब्त की है. जिसमें से 3,10,492 लीटर देशी शराब है और 5,67,857 लीटर विदेशी शराब है. लेकिन पुलिस के मुताबिक इसमें से ज्यादातर शराब नष्ट हो चुके है या उनका सेवन चूहों ने कर लिया है.

इस मामले पर बिहार पुलिस जांच कर रही है. इसपर चुटकी लेते हुए बीजेपी नेता प्रेम कुमार ने विधानसभा में याह मुद्दा उठाया और पुलिस से दोषी चूहों को गिरफ्तार करने की मग की है, उनका कहना है कि शराबी चूहों पर कार्रवाई की जानी चाहिए और यह देखा जाना चाहिए कि वह कौन से चूहे हैं जो कि शराब पीने के शौकीन हैं.

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