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उत्तर प्रदेश में खूब बोला काम, सफाई के मामले में गुजरात और एमपी सबसे आगे तो यूपी फिसड्डी!

मोदी सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में एक है स्वच्छ भारत मिशन भारत में राष्टपिता महात्मा गांधी ने स्वच्छता का अभियान चलाकर एक सपना देखा था. जो कि पूरा नहीं हो पाया. पीएम मोदी जब सत्ता में आये तो उन्होंने एक बार फिर इस सपने को साकार करने का प्रयास किया उन्होंने स्वच्छता के लिए राष्ट्रीय मिशन की शुरुआत की.

स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 लागू –

गुरुवार को केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 लागू किया. उन्होंने सबसे साफ और सबसे गंदे शहरों की लिस्ट जारी की. वेंकैया नायडू ने बताया कि यह सर्वेक्षण 434 शहरों में किया गया. जिसमें यूपी की स्थिति सबसे खराब मिली. उत्तर प्रदेश के शहर गोंडा को सबसे गन्दा शहर घोषित किया गया है. इसके अलावा साफ सफाई के मामले में दूसरा सबसे गन्दा शहर महाराष्ट्र के भुसावल को घोषित किया गया है.

आपको बता दें कि सबसे साफ सुथरे शहरों की रैकिंग में मध्य प्रदेश का इंदौर टॉप पर है. इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर भोपाल है. जबकि तीसरे नंबर पर आंध्र प्रदेश का विशाखापत्तनम और चौथे नंबर पर गुजरात का सूरत है. वहीँ कर्नाटक के मैसूर को पांचवां स्थान मिला है, गौरतलब है कि मैसूर पिछले साल इस सर्वेक्षण में पहले पायदान पर था.

बात करें राज्यों की तो सबसे साफ शहरों की इस लिस्ट में गुजरात के 12 शहर शामिल हैं और मध्य प्रदेश के 11 शहर शामिल हैं. इसके अलावा टॉप 50 सूची में 8 शहर आंध्र प्रदेश के भी हैं. वहीं सबसे गन्दी शहरों के लिहाज से बनाई गई 50 शहरों की सूची में आधे नाम उत्तर प्रदेश के शहरों के हैं.

वहीँ सबसे साफ शहरों की सूची में बनारस को 32वां स्थान मिला है और इलाहाबाद 274वें स्थान पर है. जबकि कानपुर 175वें स्थान पर है. वहीं उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ 269वें और ताजमहल के शहर आगरा को 263वें पायदान पर जगह मिली है.

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