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रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने ट्विटर पर महज 3 मिनट में दे दी ओडिशा की एक अहम योजना को मंजूरी

मोदी सरकार और उनकी कैबिनेट के मंत्री ट्विटर और सोशल मीडिया पर जिस कदर एक्टिव रहते हैं, उससे देखकर लगता है कि जनता के पास अपनी बात कहने के लिए सबसे अच्छा और सटीक माध्यम ट्विटर बन चुका है, ट्विटर पर शायद ही कोई जरूरी बात हो जो मोदी सरकार के तमाम मंत्रालय गलती से भी इग्नोर करते हों.

जनता की छोटी से छोटी बात से लेकर राज्यों की बड़ी से बड़ी हर बात को मंत्रालय और मोदी सरकार के मंत्री गौर करते हैं और अपनी जवाबदेही के मद्देनजर उसपर अपना जवाब भी देते हैं. मोदी सरकार के सबसे एक्टिव मंत्रालयों में से एक है रेल मंत्रालय. रेल मंत्रालय का प्रभार सुरेश प्रभु के पास है. सुरेश प्रभु एक मझे हुए नेता और काम के लिए समर्पित व्यक्ति हैं.

सुरेश प्रभु देशभर में रेलवे के उत्थान और उसकी प्रगति के लिए अच्छी अच्छी और कारगर योजनाओं के बारे में हमेशा सोचते रहते हैं. ऐसी ही एक बेहद महत्वपूर्ण योजना को उन्होंने महज तीन मिनट में अपनी स्वीकृति दे दी. उन्होंने यह स्वीकृति ट्विटर पर दी. दरअसल ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने शुक्रवार 28 अप्रैल को रात 9:35 बजे एक ट्वीट के जरिये एक योजना का प्रपोजल रखा. जिसे महज तीन मिनट के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने ट्वीटर पर ही अपनी मंजूरी दे दी.

गौरतलब है कि ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने एक के बाद एक तीन ट्वीट किये और पुरी से कोणार्क के बीच नई रेलवे लाइन डालने का प्रस्ताव रेलवे मिनिस्ट्री के सामने रखा. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि ओडिशा के सीएम ने पुरी से कोणार्क के बीच बनने वाली नई रेलवे लाइन की लागत साझा करने की पेशकश की है.

उन्होंने बताया कि रेल मंत्री से इस काम को मंजूरी देकर जल्दी और वक्त पर पूरा करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर करने की अपील की है. इसके अलावा उन्होंने अपने ट्वीट में बताया कि राज्य की इस भागीदारी से रेलवे के लिए 20 प्रतिशत से अधिक की दर पर रिटर्न मिलेगा.

इस ट्वीट के जवाब में रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने ट्वीट किया और कहा कि हम किसी भी दिन इस पर हस्ताक्षर करने को तैयार हैं. हम इन्तजार कर रहे हैं, क्योंकि राज्यों के साथ जॉइंट प्रोजेक्ट की पहल हमने ही की थी.

गौरतलब है कि इससे पहले भी सुरेश प्रभु ट्विटर पर जनता और यात्रियों को जवाब देने और शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करने के लिए सुर्खियां बटोर चुके हैं. बीते दिनों ट्रेनों के देरी से संचालन की शिकायतों पर उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया था कि या तो जल्द से जल्द संचालन ठीक करें नहीं तो कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहें.

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