अध्यात्म

जानिये सूर्य को सवेरे-सवेरे जल अर्पण क्यों किया जाता है, स्वास्थ्य के साथ मिलते हैं यह फायदे

ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को ग्रहों का राजा बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि बिना सूर्य देव की कृपा के व्यक्ति को समाज में उचित मान-सम्मान की प्राप्ति नहीं हो सकती है। शास्त्रों में इस बात का जिक्र किया गया है कि सूर्य उदय के समय सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। सूर्य को जल चढ़ाने के एक नहीं बल्कि अनेकों लाभ हैं, जिसका उल्लेख शास्त्रों में मिलता है।

सूर्य देवता को जल चढ़ाने की परंपरा आज से नहीं बल्कि काफी पुराने समय से ही चली आ रही है। सूर्य देवता प्रत्यक्ष देवता माने गए हैं क्योंकि रोजाना ही इनके दर्शन प्राप्त होते हैं। जैसा कि हम लोग जानते हैं बीते एक साल से कोरोना महामारी की वजह से सभी लोग काफी परेशान हैं। हर व्यक्ति यही चाहता है कि उसको किसी भी प्रकार की बीमारी ना हो। हर व्यक्ति अपनी इम्यूनिटी को मजबूत बनाने की कोशिश में लगा हुआ है।

शास्त्रों में खुद को स्वस्थ और निरोगी बनाए रखने का तरीका बताया गया है। अगर आप रोजाना सूर्य देवता को सवेरे-सवेरे एक लोटा जल अर्पित करते हैं तो आप कई बीमारियों से दूर रह सकते हैं। आज हम आपको सूर्य को जल अर्पित करने के क्या-क्या फायदे होते हैं और जल अर्पित करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। इसके बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।

शरीर बनता है ऊर्जावान

अगर आप रोजाना नियमित रूप से प्रातः काल सूर्य देव को एक लोटा जल अर्पित करते हैं तो सूर्य के प्रभाव से शरीर ऊर्जावान बनता है। इतना ही नहीं बल्कि आपको बेहतर कार्य की प्रेरणा भी प्राप्त होती है। सूर्य को जल अर्पित करने से शरीर दिनभर फुर्तीला रहता है, जिसका फायदा कार्यक्षेत्र में मिलता है।

सूर्य को जल अर्पित करने से होता है स्वास्थ्य लाभ

सूर्य सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना गया है। अगर आप रोजाना सुबह सूर्य को जल अर्पित करते हैं तो इससे आपकी सेहत अच्छी रहती है। आपको बता दें कि सूर्य की किरणें शरीर में मौजूद बैक्टीरिया को दूर करने में सहायकमंद मानी गई है और यह स्वास्थ्य संबंधित बहुत सी परेशानियां दूर करती है। रोजाना अगर सूर्य को एक लोटा जल अर्पित किया जाए तो इससे आत्मबल की प्राप्ति होती है और कई बीमारियों से मनुष्य सुरक्षित रहता है।

तरक्की और मान-सम्मान दिलाता है सूर्य

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य को मान-सम्मान का कारक ग्रह माना गया है। अगर किसी व्यक्ति को नौकरी के क्षेत्र में किसी प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति को रोजाना नियमित रूप से सूर्य को जल अर्पित जरूर करना चाहिए। इस उपाय को अपनाने से कार्यालय में बड़े अधिकारियों का सहयोग प्राप्त होगा। इतना ही नहीं बल्कि मान-सम्मान में भी वृद्धि होगी और उच्च पद प्राप्त करेंगे।

कुंडली दोष से मिलता है छुटकारा

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य ग्रह की स्थिति कमजोर है तो उस व्यक्ति को रोजाना सूर्य देव को जल अर्पित जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से सूर्य की वजह से उत्पन्न हो रही बाधा दूर होती है।

जानिए सूर्य को जल चढ़ाने का क्या है सही तरीका

  • सूर्य उदय से पहले उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
  • तांबे के लोटे में जल भरकर सूर्य देव को अर्पित कीजिए।
  • आप जल में चुटकी भर रोली या लाल चंदन मिलाकर लाल फूल के साथ सूर्य देव को जल अर्पित करें।
  • जब आप सूर्य देवता को जल अर्पित कर रहे हों तो आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि आपका मुख पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए।
  • आप ध्यान रखें कि सूर्य देव को जल अर्पित करते समय जल की छीटें आपके पैरों पर नहीं पड़नी चाहिए।
  • आपको बता दें कि सूर्य उदय होने के एक घंटे के अंदर सूर्य देवता को जल अर्पित करना सर्वोत्तम माना गया है। आप चाहे तो प्रातः काल 8:00 बजे तक भी सूर्य को जल अर्पित कर सकते हैं।

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