बॉलीवुड

सागर सरहदी ने दुनिया को कहा अलविदा, ‘कभी कभी’ ‘चांदनी’ और ‘सिलसिला’ जैसी फिल्में लिख चुके थे

दिग्गज राइटर-डायरेक्टर सागर सरहदी ने सोमवार को दुनिया को अलविदा कह दिया है. सागर सरहदी काफी समय से बीमार थे. उन्होंने 88 साल की उम्र में आखरी सांस ली थी. खबरों की माए तो उन्हें हार्ट प्रॉब्लम थी. इसी वजह से उन्हें बीते दिन मुंबई के हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था. फिल्म इंडस्ट्री में उनकी गिनती बेहतरीन कहानीकारों में से एक में होती है. आखिरी दिनों में उन्होंने खाना-पीना सब छोड़ दिया था.

सागर सरहदी, अमिताभ बच्चन की फिल्म कभी कभी का स्क्रीनप्ले और डायलॉग लिख चुके हैं. इसके साथ ही वह सरगार सरहदी ‘कभी कभी’, ‘चांदनी’ और ‘सिलसिला’ जैसी सुपरहिट फिल्मों के लिए जाने जाते थे. आज सुबह 11 से 12 बजे के बीच सागर सरहदी का अंतिम संस्कार किया गया.

आपको बता दें कि सागर सरहदी का जन्म 11 May 1933 को बफा पाकिस्तान में हुआ था. सागर सरहदी पाकिस्तान से चलकर एबटाबाद को छोड़कर पहले दिल्ली के किंग्सवे कैंप और फिर मुंबई की एक पिछड़ी बस्ती में आ गए थे. इसके बाद सागर सरहदी ने अपने टेलेंट और मेहनत के दम पर फिल्मों में अपना करियार बनाया था.

एक उर्दू प्ले राइटर के रूप में उनका काम आज भी लोगों के दिलो दिमाग में जिन्दा है. उन्होंने फिल्म नूरी, अमिताभ बच्चन की फिल्म कभी कभी, बाजार, अमिताभ, शशि कपूर, जया बच्चन,रेखा की अभिनय वाली फिल्म सिलसिला, चांदनी, दीवाना और कहो ना प्यार है, जैसी फिल्मो की कहानी लिखी थी. इसके अलावा उन्होंने फारुख शेख और दिप्ति नवल के लिए रंग जैसी फिल्में लिखी थी.

सागर सरहदी को दुनिया भर में लोकप्रियता यश चोपड़ा की फिल्म ‘कभी कभी’ से मिली थी. इसके बाद उन्होंने फिल्म बाज़ार से डायरेक्शन की फिल्ड में कदम रखा था. इस फिल्म में स्मिता पाटिल, फारुख शेख और नसीरुद्दीन शाह ने अभिनय किया था. वो इस फिल्म के निर्माता, निर्देशक और राइटर तीनों थे. 1982 में रिलीज हुई ये फिल्म इंडियन क्लासिक फिल्म मानी जाती है.


उन्होंने फिल्म Noorie (1979); सिलसिला (1981), चांदनी (1989), रंग (1993), जिंदगी (1976); कर्मयोगी, कहो ना प्यार है, कारोबार, बाजार और चौसर जैसी हिट फिल्मों की स्क्रीप्ट लिखी थीं.


सागर सरहदी की मौत पर दुख प्रकट करते हुए जावेद अख्तर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट सहरे करते हुए लिखा, सागर सरहदी, एक महान थिएटर और फिल्म राइटर थे. जिन्होंने कभी कभी लिखी. नूरी और बाजार जैसी फिल्में डायरेक्ट की. अब वह हमारे बीच नहीं रहे.


वहीं कवि कुमार विश्वास ने भी सागर सरहदी को अपनी एक कविता के जरिए श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने लिखा-“तुमने छोड़ा शहर, धूप दुबली हुई पीलिया हो गया है अमलतास को…!” कवी कुमार विश्वास ने इस कविता के साथ लिखा, अंतिम प्रणाम गीत-कुल ज्येष्ठ कुमार शिव जी को! ऐसे अनूठे बिम्ब,ऐसा लरजता शिल्प,ऐसे कमनीय स्वर में,अब कौन सुनाएगा ?कोटा के किनारे लहराती चंबल का प्रेमिल अंतरा महाकाल के परम राग-सागर में लय हुआ! विदा प्रिय गीतकार. इसके अलावा कई बड़ी हस्तियों के ट्वीट कर उनेह श्रद्धांजलि दी है.

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