अध्यात्म

चाणक्य नीति अनुसार ये बातें दु:ख में भी किसी को ना बताएं अन्यथा नुकसान का करना पड़ेगा सामना

आचार्य चाणक्य अपने समय के एक महान विद्वान माने जाते थे और इनके द्वारा बताई गई नीतियां आजकल के भी समय में बेहद कारगर मानी जाती हैं। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में ऐसी बहुत सी बातें बताई हैं, जिनपर अगर व्यक्ति अमल करता है तो वह अपने जीवन की कई परेशानियों से छुटकारा प्राप्त कर सकता है। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में विषम परिस्थितियों से लड़ने के बारे में बहुत सी महत्वपूर्ण बातों के बारे में जानकारी दी है। आचार्य चाणक्य ने अपने ज्ञान और अनुभव के आधार पर नीतिशास्त्र की रचना की जिसको “चाणक्य नीति” कहा जाता है।

आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतिशास्त्र में मानव कल्याण से जुड़ी हुई कई बातों का जिक्र किया है, जिनपर अमल करके व्यक्ति अपने जीवन को खुशहाल बना सकता है और कठिन परिस्थितियों में यह नीतियां बेहद कामगार मानी गई हैं। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतिशास्त्र में दुख के समय दूसरों को कौन सी बातें नहीं बतानी चाहिए इसके बारे में जिक्र किया है। अगर व्यक्ति इन बातों का जिक्र दूसरों के सामने करता है तो उसको अपमान और नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। आखिर आचार्य चाणक्य ने ये कौन सी बातें बताई हैं चलिए जानते हैं इसके बारे में….

परिवार के विवाद के बारे में किसी के आगे ना करें जिक्र

आचार्य चाणक्य का ऐसा कहना है कि घर-परिवार में अगर किसी बात को लेकर वाद-विवाद चल रहा है तो इस बारे में आप किसी दूसरे व्यक्ति के सामने जिक्र मत कीजिए अन्यथा बाहर का व्यक्ति आपके परिवार में चल रहे आपसी मतभेद का फायदा उठा सकता है।

धन का नाश होने पर किसी के सामने इसका जिक्र ना करें

आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में इस बात का जिक्र किया है कि धन का नाश होने पर व्यक्ति को इस बात के बारे में किसी के आगे जिक्र करने से बचना चाहिए क्योंकि अगर आप किसी के सामने इस बात का जिक्र करते हैं तो आपके सामने तो व्यक्ति सहानुभूति दिखाता है परंतु वह आपकी सहायता के लिए सामने बिल्कुल भी नहीं आता है। अगर धन का नाश हुआ है तो ऐसी स्थिति में कोई भी व्यक्ति फायदा उठा सकता है। इतना ही नहीं बल्कि आप और भी कई समस्याओं में घिर सकते हैं और अपमान भी झेलना पड़ सकता है।

अपमान हुआ है तो इस बारे में किसी को ना बताएं

आचार्य चाणक्य का ऐसा कहना है कि अगर किसी व्यक्ति को अपमान का सामना करना पड़ रहा है तो आप इस बारे में किसी भी व्यक्ति के सामने जिक्र ना करें क्योंकि लोग आपका मजाक उड़ाने लगेंगे। ऐसी बातों को हमेशा गुप्त ही रखना चाहिए।

पति-पत्नी की बात तीसरे को ना कहें

पति-पत्नी का संबंध बहुत ही निजी होता है इसलिए आचार्य चाणक्य का ऐसा कहना है कि पति-पत्नी के बीच में जो भी बातें चल रही हैं उसका जिक्र किसी तीसरे के सामने भूलकर भी नहीं करना चाहिए अन्यथा इसके कारण मान-सम्मान को ठेस पहुंच सकता है। अगर पति-पत्नी में से कोई भी गलत व्यवहार कर देता है तो इस बारे में किसी तीसरे को ना बताएं। आपस की बात आपस में ही कह-सुनकर सुलझाना चाहिए।

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