अध्यात्म

फुलेरा दूज से होता है होली का आगमन, इस पवित्र त्योहार से जुड़ी है ये दिलचस्प कथा

फाल्गुन माह में फुलेरा दूज आती है और इस दिन बिना मुहूर्त निकाले कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। इस साल फुलेरा दूज 15 मार्च को आ रही है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा ने फूलों की होली खेली थी। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को आने वाला ये त्यौहार श्रीकृष्ण और राधा जी को समर्पित है और कई जगहों पर तो इस दिन फूलों की होली भी खेली जाती है। वहीं इस दिन से ही होली का आरंभ भी हो जाता है।

फुलेरा दूज का शुभ मुहूर्त

फाल्गुन द्वितीया तिथि का आरंभ 14 मार्च को शाम 05 बजकर 06 मिनट से होगा और इसका समापन 15 मार्च को शाम 06 बजकर 49 मिनट पर हो जाएगा। पंडितों के अनुसार ये दूज 15 मार्च को मनाई जाएगी।

पौराणिक मान्यता के अनुसार फुलेरा दूज के दिन भगवान श्रीकृष्ण फुलों से होली खेलते हैं। कृष्ण मंदिरों में इस दिन विशेष पूजन किया जाता है। फुलेरा दूज को राधा और कृष्ण के मिलन की तिथि के रूप में भी मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन राधा और श्रीकृष्ण की पूजा करने से दांपत्य जीवन में मधुरता आती है और प्रेम बना रहता है।

फुलेरा दूज को शादी विवाह के लिए अच्छा माना जाता है। जिन लोगों का विवाह का मुहूर्त देरी से निकल रहा होता है वो लोग इस दिन शादी कर सकते हैं। कहा जाता है कि अगर इस दिन कोई विवाह करता है। तो उसे राधा-कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है। राधा-कृष्ण से अगर कोई मन्नत मांगी जाए तो वो पूर्ण हो जाती है।  इस त्योहार को अबूझ मुहूर्त माना जाता है।

इसी दिन से होली के त्योहार की शुरुआत मानी जाती है और होली को रखा जाता है। होलिका दहन के दिन शुभ मुहूर्त में उसे अग्नि दी जाती है। ये दिन दोषमुक्त भी कहा जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण कई दिनों से राधा जी से मिलने वृंदावन नहीं गए। इससे राधा बहुत उदास और गुस्सा हो गई थी। राधा की उदासी देखकर गोपियां भी दुखी हो गई और कृष्ण भगवान से रूठ गई। वहीं जब भगवान श्रीकृष्ण राधा से मिलने के लिए आए तो राधा अत्यंत खुश हुई। सूखे  वनों में चारों तरफ हरियाली होने लगी और फूलों खिल गए। कृष्ण भगवान ने खिल रहे फूल को तोड़कर राधा के ऊपर फेका, राधा ने भी एक फूल तोड़कर भगवान कृष्ण के ऊपर फेका। ये देख गोपियों और ग्वालों ने भी एक दूसरे के ऊपर फूल बरसाने लगे।

मथुरा और बृज में फुलेरा दूज को धूमधाम से मनाया जाता है और इस पर्व पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। अगर आप मंदिर नहीं जा सकते हैं तो घर पर ही ये दूज मना सकते हैं। घर पर राधा कृष्ण जी की मूर्ति को अच्छे से फूलों से सजा दें और इनकी पूजा करें। साथ में ही इस दिन शृंगार की वस्तुओं का दान करना चाहिए। ऐसा करने से हर कामना को भगवान जल्दी पूर्ण कर देते हैं।

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