अध्यात्म

आचार्य चाणक्य के अनुसार केवल ये चार चीजें ही आखिरी समय तक निभाती हैं व्यक्ति का साथ

आचार्य चाणक्य ने ऐसी चार चीजों का उल्लेख किया है, जो सदा व्यक्ति का साथ देती हैं और मरते दम का साथ नहीं छोड़ती हैं। आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में एक श्लोक के जरिए इन चार चीजो का जिक्र किया है। तो आइए बिना देरी किए जानते हैं कि ये चार चीजों कौन सी हैं।

श्लोक :

विद्या मित्रं प्रवासेषु भार्या मित्र गृहेषु च।
व्याधितस्यौषधं मित्र धर्मो मित्रं मृतस्य।।

ज्ञान

चाणक्य के अनुसार इंसान का ज्ञान हमेशा उसके साथ ही रहता है। एक ज्ञान ही ऐसी चीज है जो कि इंसान को सफल बनता है और उसे कामयाबी देता है। एक बार हम जो ज्ञान हासिल कर लेते हैं। वो कभी भी हमारा साथ नहीं छोड़ता है और मरते दम तक साथ रहता है। नीति शास्त्र के अनुसार, हर व्यक्ति के लिए उसका ज्ञान ही उसका सच्चा और परम मित्र है। ज्ञान की मदद से व्यक्ति जीवन में कुछ भी हासिल कर सकता है।

पत्नी

चाणक्य के अनुसार वो व्यक्ति काफी किस्मत वाला होता है। जिसकी पत्नी सदा उसके साथ खड़ी रहती है। जो पत्नी अपने पति को साहस देती हैं व उसके हार कदम में उसका साथ देती हैं, उस व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान मिलता है। अच्छे चरित्र व सभाव वाली पत्नी मरते दम तक पति का साथ नहीं छोड़ती है।

औषधि

औषधि एक ऐसी चीज है जो कि व्यक्ति को अच्छी सेहत देती है। चाणक्य कहते हैं कि जिस व्यक्ति की सेहत खराब रहती हो उसके लिए औषधि ही सच्ची मित्र होती है।

धर्म

हम किसी धर्म में जन्म लेते हैं ये पहले से तय होता है। इस दुनिया में जब कोई बच्चा आता है, तो पहले से ही उसका धर्म तय होता है। जो कि सारी उम्र तक उससे जुड़ा रहता है। धर्म की राह पर चलने वाला व्यक्ति जीवन को सफल रहता है। ज्ञान, पत्नी, औषधि की तरह ही धर्म ऐसा मित्र हैं, जो व्यक्ति के आखिरी समय तक उसके साथ रहता है।

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