अध्यात्म

वृष राशि में मंगल और राहु के प्रवेश से बन रहा अंगारक योग, इन राशि वालों के लिए है खतरनाक

वृष राशि में मंगल और राहु के होने से अंगारक योग बन रहा है. यह अंगारक योग 22 फऱवरी से शुरू हुआ है. 22 फरवरी को ही मंगल का वृष राशि गोचर हुआ था और इस राशि में राहु पहले से ही मौजदू है. ज्योतिष शास्त्र में इसे बहेद अशुभ योग माना जाता है. साथ ही इससे पड़ने वाले अशुभ प्रभाव से जिंदगी भर कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. शास्त्रों के मुताबिक यह योग लोगों की बुद्धि भ्रष्ट कर देता है.

शास्त्रों की माने तो इस योग में कई प्रकार की समस्याओं से विभिन्न राशि वालों का सामना होता है. विशेषकर मंगल और राहु की युति के कारण यह योग बनता है. यह योग अभी 52 दिनों तक रहने वाला है. इस योग से उन राशि के लोगों को बेहद ही ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है जिनकी कुंडली में मंगल ग्रह या फिर राहु ग्रह कमजोर है. अगर आपको इस योग से बचना है तो आपको नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए.

माना जाता है कि श्री बजरंग बली की कृपा हमें इस योग के दुष्प्रभाव से बचा सकती है. इसलिए हर मंगलवार और शनिवार हनुमान जी की चालीसा का पाठ और उन्हें चोला अवश्य चढ़ाए. इसका फायदा आपको अवश्य ही होगा. साथ ही आप बजरंग बाठ, सुंदर कांड और हनुमाष्ट का पाठ कर सकते है. इसके अलावा ज्योतिष शास्त्र में मंगल का राशि परिवर्तन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. वृश्चिक और मेष राशि का स्वामी मंगल जातक में साहस और आत्मविश्वास का गठन करता है. इसके अलावा कुंडली में मंगल शुभ स्थान पर विराजमान हो तो राजयोग भी मिलता है.

अंगारक योग व्यक्ति की बुद्धि को भ्रष्ट कर देता है और स्वभाव को उग्र, हिंसक और आक्रमक कर देता है. इतना ही नहीं यह योग भाइयों और प्रियजनों के साथ रिश्तों को भी खराब कर देता है, धन संबंधित समस्याएं और दुर्घटना होने की सम्भावना भी रहती है. गौरतलब है कि मंगल ने 22 फरवरी को सुबह 5 बजकर 02 मिनट पर मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में गोचर किया है. अब यह वृषभ राशि में 14 अप्रैल तक रहने वाला है.

योग का अशुभ प्रभाव इस तरह कम करे

ज्योतिष शास्त्र के उपायों के मुताबिक आप हर मंगलवार के दिन चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर हनुमानजी को इसका लेप लगाएं और मिठाई वितरीत करें. इसके साथ ही कबूतर को हर रोज बाजरा का दाना डाले. इन उपायों को करने से अंगारक योग के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है और सभी कष्टों से समाधान मिलता है.

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