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दक्षिण भारत के इस मंदिर में बनाए जा रहे हैं 1 करोड़ शिवलिंग, जानिए क्या है वजह

हमारे देश में मंदिरों की कोई कमी नहीं हैं। यहां हर गली मोहल्ले में मंदिर मिल जाते हैं और दिलचस्प बात ये है कि इन सभी मंदिरों की कोई न कोई खास बात जरूर होती है। ऐसा ही एक अनोखा मंदिर दक्षिण भारत में स्थित है। इस मंदिर का नाम है, कोटिलिंगेश्वर।

कोटिलिंगेश्वर नाम से ही ये पता लग रहा है कि जहां एक करोड़ शिवलिंग हों। आपको बता दें कि एक करोड़ शिवलिंग स्थापित करने के अनूठे पहल के तहत इस मंदिर का निर्माण किया गया है, हालांकि अभी यहां एक करोड़ शिवलिंग की स्थापना नहीं हो सकी है। लेकिन अब तक लाखों शिवलिंग की स्थापना हो चुकी है।

इस मंदिर के बारे में ये मान्यता है कि जब भक्तों की मनोकामना पूरी हो जाती है तो यहां आकर शिवलिंग स्थापित करवाते हैं। तो आइए जानते हैं, कोटिलिंगेश्वर मंदिर से जुड़ी कुछ ऐसे ही खास बातों के बारे में…

जानिए क्या है इस मंदिर से जुड़ी पौराणिक मान्यता…

हिंदु धर्मशास्त्रों के अनुसार यहां देवराज इंद्र ने गौतम ऋषि के शाप से मुक्त होने के लिए शिवलिंग की स्थापना करवाई थी। शिवलिंग स्थापना के बाद यहां अभिषेक भी कराया था। खैर, आपको बता दें कि ये मंदिर कर्नाटक में कोल्लार जिले के काम्मासांदरा नामक गांव में स्थित है और पूरी दुनिया में इस मंदिर को कोटिलिंगेश्वर के नाम से जाना जाता है।

आपको जानकर हैरानी होगी कि ये मंदिर एक शिवलिंग के आकार में ही बना है, जिसकी ऊंचाई 108 फीट है। इस मंदिर में एक मुख्य शिवलिंग स्थापित है और इसके अलावा अब तक लाखों शिवलिंग की स्थापना की जा चुकी है। अगर आप भी भगवान शिव से कोई मन्नत मांगते हैं और आपकी ये मनोकामना पूरी होती है, तो आप भी इस मंदिर में शिवलिंग की स्थापना करवा सकते हैं। हालांकि यहां सिर्फ 1 से 3 फीट लंबे शिवलिंग की ही स्थापना की अनुमति है।

 

बताया जाता है कि इस भव्य मंदिर का निर्माण साल 1980 में स्वामी सांभ शिव मूर्ति और उनकी पत्नी वी रूक्मणी ने करवाया था और इन्हीं दोनों ने यहां पर पहले शिवलिंग की स्थापना की थी। इसके बाद 5 शिवलिंग फिर 101 शिवलिंग और फिर 1001 शिवलिंग की स्थापना की गई।

स्वामी सांभ जी का ये सपना था कि यहां 1 करोड़ शिवलिंग की स्थापना की जाए। हालांकि इससे पहले ही साल 2018 में उनका देहांत हो गया, लेकिन उनके जाने के बाद भी यहां लगातार शिवलिंग की स्थापना की जा रही है। यही नहीं बल्कि  इस मंदिर में एक विशाल नंदी की मूर्ति भी स्थापित की गई है।

आपको बता दें कि इस मंदिर परिसर में कुल 11 मंदिर हैं। इनमें प्रमुख रूप से ब्रह्माजी, विष्णुजी, अन्नपूर्णेश्वरी देवी, वेकटरमानी स्वामी, पांडुरंग स्वामी, पंचमुख गणपति, राम-लक्ष्मण-सीता के मंदिर शामिल हैं।

कोटिलिंगेश्वर धाम मंदिर में रोजाना शिवलिंग की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। यहां हर रोज शिवलिंग की स्थापना हो रही है। महाशिवरात्रि के मौके पर यहां मेला लगता है और भारी संख्या श्रद्धालु यहां मौजूद होते हैं। इस मंदिर में भारत के कोने कोने से लोग दर्शन के लिए आते हैं।

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