बॉलीवुड

जानिए उस काली रात को क्या हुआ था, उस दौर की सबसे खूबसूरत अभिनेत्री दिव्या भारती के साथ

बॉलीवुड में कई ऐसे अभिनेता और अभिनेत्री आए है, जिन्होंने बहुत ही कम उम्र में बुलंदियों को देखा था. पर वो कहते है ना ‘किस्मत से ज्यादा और समय से पहले किसी को कुछ नहीं मिलता’ कुछ ऐसा ही किस्सा है 90 के दशक की टॉप की अभिनेत्री दिव्या भारती का. दिव्या को वह सब कुछ मिला जो किसी भी अभिनेता या अभिनेत्री की चाहत होती है. लेकिन उनकी किस्मत में जिंदगी का समय काफी कम लिखा हुआ था.

19 साल की उम्र में ही दिव्या ने काफी शोहरत पा ली थी और इतनी ही उम्र में दुनिया को अलविदा भी कह दिया था. 5 अप्रैल 1993 को दिव्या भारती की मौत हुई थी. आज उनकी मौत को 28 साल हो चुके है. इतने साल बीतने के बाद भी दिव्या की मौत किस वजह से हुई यह किसी को नहीं पता है. उनकी मौत मिस्ट्री आज तक एक मिस्ट्री ही है. माया नगरी मुंबई की एक बिल्डिंग से गिर कर उनकी मौत हुई थी. तभी से ये सवाल सबके जहन में है कि आखिर उनके साथ क्या हुआ था.

अभिनेत्री दिव्या ने तेलुगू फिल्म बोबली राजा से अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत की थी. उनकी ये फिल्म 1990 में रिलीज हुई थी. इसके साथ ही उन्होंने दक्षिण भारत की कई अन्य फिल्मों में भी काम किया था. दिव्या ने बेहद ही कम उम्र से बॉलीवुड में कदम रख दिया था. उनका चेहरा कुछ-कुछ श्रीदेवी से मिलता जुलता था. दिव्या की बॉलीवुड में सबसे पहली फिल्म थी विश्वात्मा. इस फिल्म के रिलीज़ होते ही यह फिल्म सुपरहिट साबित हुई. बॉक्स ऑफिस पर फिल्म ने अच्छी खासी सफलता हासिल की. इसके बाद से ही दिव्या को देश की बड़ी अभिनेत्रियों के साथ गिना जाने लगा.

इसके बाद दिव्या की किस्मत चल निकली. विश्वात्मा के बाद ‘शोला और शबनम’ और ‘दीवाना’ जैसी फिल्मों ने उन्हें सबसे अधिक फीस पाने वाली अभिनेत्रियों की लिस्ट में शुमार करा दिया. दिव्या ने अपने छोटे से सफर में सिर्फ 13 फिल्मों में काम किया था. इतनी फिल्मों में उन्होंने उस मुकाम को पा लिया था जिसके बारे में लोग सिर्फ सपना ही देखते रह जाते है.

फिल्म ‘शोला और शबनम’ के दौरान उनकी मुलाकात साजिद नाडियावाला से हुई. इसके बाद दोनों के बीच मुलाकातों का सिलसिला शुर हुआ. धीरे-धीरे उनकी मुलाक़ात प्यार में तब्दील होते गई और बाद में दोनों ने इस रिश्ते को नाम देते हुए शादी कर ली. इसी बीच पता नहीं कहा से मीडिया में उनके बारे में नेगेटिव खबरे फैलना शुरू हो गई. ख़बरों की माने तो दिव्या के पिता उनकी शादी से खुश नहीं थे. दिव्या की माँ जुआ खेला करती थी. अपने घर का राशन-पानी भी दिव्या ही चलाती थी.

शादी होने के बाद दिव्या पति के साथ मुंबई के वर्सोवा इलाके में तुलसी बिल्डिंग में रहने लगी थीं. दोनों ने ही अपनी शादी की बात को छुपा रखा था. इसकी सबसे बड़ी वजह यह थी कि 90 के दशक में मुबंई में सांप्रदायिक तनाव था. इसके साथ ही उन दिनों साजिद का करियर भी ढलान पर था.

5 अप्रैल की रात दिव्या पार्टी कर रही थीं. उनके साथ उनकी मेड अमृता भी मोजूद थीं. डिजाइनर नीता लुल्ला भी आई हुई थीं. सभी लोग ड्रिंक कर रहे थे. पार्टी का आनंद उठा रहे थे. इसी दौरान दिव्या हाथ में रम का गिलास लेकर बालकनी में जाकर बैठ गई. वह ऐसा अक्सर किया करती थी इसलिए किसी को कुछ शक भी नहीं हुआ. इस दौरान अमृता किचन में थी और नीता वी़डियो प्लेयर की सैटिंग कर रही थी. तभी सभी को अचानक जोर से एक आवाज़ सुनाई देती है, सभी बालकनी में जाकर देखते है तो नीचे दिव्या पड़ी तड़प रही हैं.

उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया लेकिन बचाया नहीं जा सका. इसके बाद 7 अप्रैल 1993 को दुल्हन के श्रंगार में उनका अंतिम संस्कार किया गया. उनकी मौत के बाद कई सवाल उठाये गए लेकिन आज तक किसी सवाल का कोई जवाब नहीं मिला…?

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