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आचार्य चाणक्य : नर्क समान है इन लोगों का जीवन, यह 6 बुरी आदतें इंसान को कर देते हैं बर्बाद

आचार्य चाणक्य की सदियों पहले कही गई बातें आज भी मानव जीवन के लिए बेहद उपयोगी और लाभकारी साबित होती है. आचार्य चाणक्य आज भी अपनी वाणी और वचनों से मानव समाज का कल्याण कर रहे हैं. चाणक्य नीति में कई तरह की बातें कही गई है, जो हमें समय-समय पर काम आते रहती है.

आचार्य चाणक्य को दुनिया कौटिल्य और विष्णु गुप्त के नाम से भी जानती है. उन्होंने सामाजिक कल्याण और व्यक्ति विशेष के लिए कई ज्ञानवर्धक बातें कही है, जो हमें दैनिक जीवन में बहुत काम आ सकती है और हमारे लिए कारगर साबित होगी. आज हम आपको बताएंगे आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई 5 ऐसी बातें जो किसी भी मनुष्य को बर्बाद कर सकती है. ऐसे में मनुष्य को जितनी जल्दी हो सके अपनी इन नीचे बताई जा रही पांच बातों को तुरंत ही छोड़ देना चाहिए. तो चलिए जानते है कौन-सी है वे ध्यान देने योग्य बातें…

जो लोग करते है छल कपट…

आचार्य चाणक्य के मुताबिक़, किसी भी व्यक्ति के प्रति छल कपट की भावना रखने वाले या ऐसा दुर्व्यवहार करने वाले लोगों को अपनी यह बुरी आदत जल्द से जल्द त्याग देना चाहिए. अगर कोई व्यक्ति छल कपट से पैसे कमाता है तो वह अधिक समय तक इन पैसों का लाभ नहीं ले पाता है. जल्द ही इस प्रवृति के लोगों का पतन शुरू हो जाता है.

सुबह देर तक सोने वाले…

किसी भी व्यक्ति का सुबह जितनी जल्दी हो सके उठना श्रेष्ठ होता है. उस व्यक्ति को प्रकृति से सुबह-सुबह शुद्ध वायु प्राप्त होती है और वह दिनभर खुद को ऊर्जावान महसूस करता है. आचार्य चाणक्य ने कहा है कि, जो लोग बहुत अधिक सोते है, सुबह देर से उठते है. सूर्योदय के बाद भी जिनकी आंखें नहीं खुलती है, ऐसे लोगों से मां लक्ष्मी बहुत दूर रहती है. सुबह देर तक सोए रहना दरिद्रता की निशानी है.

जो नहीं करते हैं रोजाना दातून…

सुबह जागने के बाद जो काम प्रमुखता से किए जाते है, उनमें दातून करना भी शामिल है. आचार्य चाणक्य कहते है कि हर दिन मौखिक स्वच्छता आवश्यक है. आचार्य चाणक्य ने कहा है कि, ऐसे व्यक्ति के पास भी लक्ष्मी नहीं आते है, जो प्रतिदिन अपने दांतों को साफ़ नहीं करते हैं. इससे भी दरिद्रता का आगमन होता है.

जरूरत से ज्यादा भोजन उचित नहीं…

आचार्य चाणक्य आवश्यकता से अधिक भोजन को गलत ठहराते है और वे कहते हैं कि, ऐसा करना मानव को गरीबी की ओर अग्रसर करता है. उनके मुताबिक़, व्यक्ति इससे भी दरिद्र बन सकता है कि, वह आवश्यकता से भी अधिक भोजन करता हो. इसका एक नुक़सान यह भी है कि, ऐसे लोगों का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता है.

वाणी पर संयम आवश्यक…

ऐसे लोगों के पास भी कभी माता लक्ष्मी नहीं ठहरती है या नहीं आती है जो कुछ भी बिना विचार के बोल देते है. आज के इस युग में यह परम आवश्यक है कि, कोई भी कुछ भी बोलने से पहले अच्छे से सोच-विचार कर लें. वाणी पर संयम रखें और कठोर शब्द बोलने से बचें. ऐसा होने पर आपका तो नुक़सान होगा ही साथ ही सामने वाले व्यक्ति की भावनाएं भी आहत हो जाएगी.

साफ़-सुथरे रहे…

तन मन के साथ ही वस्त्र की स्वच्छता भी बहुत आवश्यक है. कहते है कि, माता लक्ष्मी साफ़-सुथरी जगह पर ही प्रवेश करती है. ऐसे में आप ध्यान रखें कि, आप स्वच्छ और पवित्र बने रहे. नहीं तो आपके पास भी लक्ष्मी ठहरेगी नहीं. साथ ही इस तरह का व्यक्ति कहीं सम्मान की नज़रों से भी नहीं देखा जाता है.

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