राजनीति

किसान आंदोलन में आग लगा रहे थे कनाडा पीएम ट्रूडो, अब हाथ फैलाते हुए आए मोदी के सामने…

कोरोना वायरस ने एक साल के बाद भी दुनिया भर में अपना कहर बरपाया हुआ है. आज भी कई देश पाबंदियों में रहने के लिए मजबूर है. कोरोना के कारण दुनिया ने पहली बार लगातार 3 महीनों का लॉक डाउन देखा. कोरोना ने कई लोगों की जिन्दगिया ले ली. कई लोगों की नौकरियां चली गई. बावजूद इसके जिंदगियां उसी रफ़्तार से चल रही थी.

कोरोना से मानवता को बचाने के लिए तमाम देश वैक्सीन बनाने में लगे हुए थे. कई देशों ने इसमें सफलता हासिल की इसमें से एक देश भारत भी था. भारत के साथ साथ अमेरिका, ब्रिटेन और चीन , इज़राइल ने भी कोरोना वैक्सीन का इजात कर लिया था. इतने देशों के वैक्सीन इजात करने के बाद भी दुनिया और WHO की निगाहें भारत की ओर बनी हुई थी. सभी की उम्मीदे भारत से ज्यादा थी ओर भारत इन उम्मीदों पर खरा भी उतरा.

एशिया में चीन का दबदबा होने के बावजूद भारत से एशिया के लगभग आधा दर्जन देशो ने कोरोना की वैक्सीन की मांग की और भारत ने उन्हें दी भी. इसके अलावा दुनिया के अन्य देशों ने भी भारत में बनी स्वदेशी वैक्सीन की मांग की है. अब इसी क्रम में भारत से अमेरिका के पड़ोसी देश कनाडा ने भी वैक्सीन मांगी है. वहीं कनाडा जहां खालिस्तानी समर्थकों का डेरा है.

इसके बाद भारत ने कनाडा को हर संभव मदद देने का विश्वास दिलाया है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपने कनाडाई समकक्ष जस्टिन ट्रूडो को आश्वस्त किया कि भारत कनाडा के कोरोना टीकाकरण प्रयासों में भरपूर सहयोग करेगा. वैक्सीन के लिए कनाडाई प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी को अपने देश में टीकों की जरुरत के बारे में बताया.

भारत के पीएम ऑफिस ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा, जैसे भारत ने जिस तरह कई अन्य राष्ट्रों के लिए किया, ठीक उसी तरह कनाडा के वैक्सीन प्रयासों को सहयोग देने में पूरा सहयोग देगा. इस बयान के मुताबिक कनाडा के पीएम ट्रूडो ने इस अवसर पर कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारत की अभूतपूर्व औषधीय क्षमता का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा. इसके साथ ही उन्होंने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अन्य देशों की मदद करने के लिए भारत और भारत के पीएम मोदी की सराहना की.

आपको बता दें कि कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने गुरु नानक की 551वीं जयंती के मौके पर एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान भारत के किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए, आंदोलन के सपोर्ट में बात कही थी. कहा था कि ‘कनाडा हमेशा शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार के साथ मौजूदरहेगा’ गौरतलब है कि कनाडा में आने वाले समय में चुनाव है और वहां की आबादी का 16 लाख हिस्सा भारतियों का है जिसमे से अमूमन आबादी पंजाबियों की है. ज्ञात होकि दुनिया में सबसे सस्ता कोरोना टीका भारत का ही है और ज्यादा असरकारक भी, इसीलिए दुनियाभर में भारत के टीकों की मांग सबसे ज्यादा है. कई गरीब देश अमेरिका और ब्रिटेन की कोरोना वैक्सीन का खर्चा वहन नहीं कर सकते इसलिए सभी की आस भारत से बंधी हुई है.

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