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जानिए सड़कों पर जूस बेचने वाले लड़के ने कैसे खड़ी कर दी भारत की सबसे बड़ी म्यूजिक कंपनी टी-सीरीज

आज हर कोई अपने आप को मोबाइल में गाने सुनकर एंटरटेन करता हैं. सोचिये अगर हमारे बीच सांग्स न होते तो क्या होता.? भारत में अगर किसी को सांग्स आम जनता के बीच लाने का श्रेय दिया जाए तो यक़ीनन वह नाम गुलशन कुमार ही होगा. गुलशन कुमार ने महंगे-महंगे सांग्स के राइट्स को आम जनता के बीच लाकर रख दिया. गुलशन कुमार का जन्म 1951 में दिल्ली में हुआ था.

उनके परिवार में उनके अलावा उनके माता-पिता और एक छोटा भाई था. उनके पिता की दिल्ली के दरियागंज में एक फलों की दुकान हुआ करती थी. गुलशन कुमार का जन्म भारत की राजधानी दिल्ली में एक पंजाबी अरोड़ा परिवार में हुआ था. उनका प्रारंभिक नाम गुलशन दुआ था. गुलशन कुमार ने सुदेश कुमारी के साथ विवाह किया था. गुलशन कुमार के कुल तीन बच्चे हैं, जिनमें से एक लड़का और दो लड़कियां हैं. गुलशन कुमार की हत्या के बाद उनका व्यापार उनके बेटे भूषण कुमार ने संभाला हुआ है.

गुलशन कुमार के पिता चंद्रभान दुआ दिल्ली के दरियागंज में जूस बेचकर घर चलाते थे. गुलशन कुमार जूस की दुकान पर अपने पिता के साथ कमा किया करते थे. बस यही से गुलशन को व्यापार करने की लगन उठी. जब वह 23 साल के थे तो उन्होंने परिवार की मदद से एक दुकान संभाली और रिकॉर्ड और ऑडियो कैसेट बेचना शुरू किया. शुरूआती समय में गुलशन कुमार ने भजन और भक्ति गीत स्थानीय सिंगर्स की आवाज़ में रिकॉर्ड कराए और उनके कैसेट बहुत कम दाम में बेचे. यहाँ से उनकी गाडी चल निकली.

रिकार्ड्स और ऑडियो कैसेट के व्यवसाय से ठीक-ठाक मुनाफा होने लगा फिर उन्होंने खुद ही ऑडियो कैसेट बनाना शुरू कर दिया. गुलशन कुमार अपनी मेहनत, अपने विज़न और जज्बे से म्यूजिक इंडसट्री को एक नयी ऊँचाइयों पर ले गए. ऑडियो कैसेट की बिक्री से म्यूजिक इंडस्ट्री में बिज़नेस की शुरुआत करने वाले गुलशन ने इन्ही कैसेट को सस्ते दामों पर बनाकर आम लोगों तक पहुँचाया और हिंदी फिल्म संगीत जगत में एक विशाल साम्राज्य स्थापित किया.

गुलशन ने अपने ऑडियो कैसेट के व्यवसाय को ‘सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज’ का नाम दिया जो आगे चलकर टी-सीरीज जैसा बड़ा नाम बना. इसके बाद उन्होंने दिल्ली के पास नोएडा में एक म्यूजिक प्रोडक्शन कंपनी खोल ली. 1970 के दशक में उन्होंने सस्ते दरों पर अच्छी क्वालिटी वाले म्यूजिक कैसेट बेचना शुरू कर दिया. यह अन्य बड़े म्यूजिक लेबल से सस्ता और काफी अच्छा था.

इसके बाद गुलशन कुमार ने फिल्मों के निर्माण के क्षेत्र में कदम रख कर कई नए चेहरों को मौका भी दिया. गुलशन कुमार के कारण ही इस फिल्म जगत को सोनू निगम, कुमार शानू और अनुराधा पौडवाल जैसे गायक मिले हैं.

मुंबई के अंधेरी पश्चिम उपनगर जीत नगर में जीतेश्वर महादेव मंदिर के बाहर 12 अगस्त, 1997 को बदमाशों द्वारा गोली मारकर गुलशन कुमार की हत्या कर दी गयी थी. मुंबई पुलिस ने हत्या की योजना के लिए उस समय की मशहूर म्यूजिक जोड़ी नदीम-श्रवण के नदीम को अभियुक्त बनाया. नदीम भागकर इंग्लैंड चले गए थे और वहां की नागरिकता भी ले ली थी.

उनकी बेटी तुलसी कुमार राणा एक गायक हैं और दूसरी बेटी खुशाली कुमारी दुआ ने फैशन डिजाइंग की पढ़ाई कर रखी है. खुशाली को आप लोगों ने कुछ गानों की वीडियों में एक्टिंग भी करते हुए देखा होगा. गुलशन कुमार के जीवन पर आधारित एक फिल्म भी बन रही है. इस फिल्म का नाम ‘मोगल- द स्टोरी ऑफ गुलशन कुमार’ बताया जा रहा है. इस फिल्म में अभिनेता अक्षय गुलशन कुमार का किरदार निभाते हुए नज़र आएंगे.

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