राजनीति

लौट के बुद्धू घर को आये, कांग्रेस ने दोबारा राहुल गाँधी को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पास किया

देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस कभी सबसे बड़ी पार्टी भी हुआ करती थी. समय के साथ कांग्रेस का भी वक़्त बदला और आज पार्टी अपना अस्तित्व बचाये रखने के लिए लड़ रही है. देश में 2014 में हुए लोकसभा चुनावों के बाद पार्टी लगातार सिकुड़ती जा रही है. इस दौरान पार्टी में केवल दी ही लोग अध्यक्ष बन पाए या यूं कहे बन ही नहीं पाए.

अभी कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस की CWC मीटिंग हुई थी. जहां पर नए अध्यक्ष के मसले पर बातचीत होनी थी. लेकिन इस मीटिंग को बिना परिणाम को ही मई-जून तक टाल दिया. वहीं ऐसे में दिल्ली कांग्रेस ने एक बार फिर राहुल गांधी को तुरंत पार्टी अध्यक्ष बनाने की मांग पर जोर दिया है. इस मामले में प्रदेश कांग्रेस कमिटी ने प्रस्ताव भी पास कर दिया है.

आपको बता दें कि राहुल गांधी ने 2019 लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद से सोनिया गाँधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष हैं. कांग्रेस में अध्यक्ष का मसला ख़त्म ही नहीं हो रहा है. पार्टी को कोई नया नेतृत्व मिल ही नहीं पा रहा है. शायद यह भी पार्टी के बिखराव का एक बड़ा कारण हो सकता है. राहुल गाँधी के पहले भी सोनिया पार्टी की अध्यक्ष थी. अब इतने सालों में गाड़ी घूमकर एक बार फिर राहुल के नाम पर लाकर रोक दी गई है.

इसी दौरान अगर हम सत्ताधारी सरकार बीजेपी का आंकलन करे तो, 2013 से 2014 के बीच राजनाथ सिंह दूसरी बार बीजेपी के अध्यक्ष बने. 2014 से 2020 तक बीजेपी की कमान अमित शाह ने संभाली. अब वर्तमान में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा हैं. इतने अध्यक्ष बदलने के बावजूद पार्टी का प्रदर्शन कमाल का रहा. वहीं कांग्रेस गाँधी परिवार से किनारा ही नहीं कर पा रही. या कांग्रेस के अंदर चापलूसी को ज्यादा जगह मिल गई है.

दोबारा से राहुल गाँधी को अध्यक्ष बनाये जाने पर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा है कि केवल राहुल गांधी ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रेरित कर सकते हैं. अनिल चौधरी ने कहा केवल राहुल गाँधी ही पार्टी का सही दिशा में नेतृत्व कर सकते है. उन्होंने किसान बिल और GST को लेकर जो-जो भविष्वाणी की है वह सच साबित हुई हैं.


इससे उनके नेतृत्व की शक्ति साफ दिखाई देती है. इसलिए हम चाहते है कि राहुल गाँधी दोबारा से पार्टी का शीर्ष नेतृत्व संभाले.इसलिए हमने उन्हें फिर से पार्टी अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पास किया है. गौरतलब है कि हालिया बंगाल में चुनाव होने वाले है, ऐसे में पार्टी की हार की जिम्मेदारी कौन लेगा. इसी वजह से कांग्रेस कार्य समिति (सीडल्यूसी) की बैठक में अध्यक्ष के मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लिया गया.

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