अध्यात्म

मन में गुस्सा, लालच और जलन की भावना होने से कभी भी शांति नहीं मिलती है, मन सदा दुखी रहता है

एक राजा सदा अशांत रहा करता था। ये हर किसी पर गुस्सा किया करता था और बेहद लालची भी था। मन अशांत रहने के कारण इस राजा को नींद तक नहीं आती थी। एक दिन राजा ने अपनी समस्या अपने मंत्री को बताई और कहा कि कुछ ऐसा उपाय मुझे बताओं जिससे मेरा मन शांत हो जाए और मैं आराम से जीवन काट सकूं। मंत्री ने राजा की पूरी बात सुनने के बाद उनसे कहा कि, वो एक ऐसे संत को जानते हैं, जिनके पास उनकी समस्या का हल जरूर होगा। इसलिए वो चाहें तो एक बार उस संत से मिल लें।

राजा ने अपने मंत्री की बात को मान लिया और संत के आश्रम जाने को तैयार हो गए। संत के आश्रम में काफी सारे लोग मौजूद थे। जिनको देखकर राजा को गुस्सा आ गया। राजा ने जोर से अपने मंत्री पर चिलाते हुए कहा कि उनके आने से पहले आश्रम को खाली क्यों नहीं करवाया गया। राजा की सारी बात संत ने सुन ली। संत ने तुरंत राजा को अपने पास बुलाया और उनसे आश्रम में आने की वजह पूछी।

राजा ने संत को बताया कि उनका मन अशांत रहता है और वो अपनी ये समस्या लेकर उनके पास आए है। संत ने राजा को ध्यान लगाने को कहा। राजा ने संत की बात को मानते हुए ध्यान लगाना शुरू कर दिया। लेकिन फिर भी राजा का मन शांत नहीं हुआ। जिसके बाद राजा फिर से संत के पास गए और संत से कहा कि उन्होंने ध्यान लगाने की खूब कोशिश की लेकिन उनसे ध्यान नहीं लग सका। अभी उनका मन अशांत है।

संत राजा को अपने साथ आश्रम में बनें एक बाग में ले गए, जहां पर कई सारे फूल लगे थे। संत ने राजा से कहा कि वो एक फूल तोड़कर उनके पास ले आए। राजा को एक गुलाब का फूल काफी पंसद आया। राजा ने तुंरत उसे तोड़ दिया। लेकिन इस दौरान राजा को एक कांटा लग गया। जिससे राज की उंगली से खून आने लग गया। राजा को काफी दर्द होने लगा। संत ने फौरन लेप राजा की उंगली पर लगा दिया।

राजा को लेप लगाते हुए संत ने उनसे कहा कि राजन् आपके हाथ में छोटा सा कांटा चुभाने से खून बहने लगा। इसी तरह से एक बड़ा कांटा आपके मन में चुभा हुआ हैं। जो कि गुस्सा, लालच और दूसरों से जलन की भावना का है। इस कांटे के कारण ही आपका मन अशांत रहता है। जिस दिन आप अपने मन से गुस्सा, लालच, दूसरों से जलन की भावना को निकाल देंगे। आपका मन खुद शांत हो जाएगा। राजा ने संत की बात को मानते हुए गुस्सा, लालच और जलन की भावना को त्याग दिया।

कुछ समय बाद राजा को असर दिखने लगा और उनका मन शांत हो गया। इतना ही नहीं राजा को नींद भी अच्छी आने लगी। इस कथा से हमें सीख मिलती है, जिन लोगों के मन में गुस्सा, लालच और जलन की भावना होती है, वो कभी भी जीवन में शांत नहीं रहते हैं।

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