अध्यात्म

जीवन में अगर आने लग जाएं ये बदलाव, तो समझ लें शनि की साढ़ेसाती या ढय्या का हो गए हैं आप शिकार

शनि ग्रह के कारण जीवन में कई सारी परेशानियां आने लग जाती हैं और इस ग्रह के भारी होने पर जातक का जीवन कष्टों से भर जाता है। शनि की दशा जैसे साढ़ेसाती या ढय्या के शुरू होने पर जातकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हालांकि अगर समय रहते हुए साढ़ेसाती या ढय्या से जुड़े उपाय कर लिए जाएं। तो इनके प्रकोप से रक्षा होती है। इसलिए जैसे ही कुंडली में साढ़ेसाती या ढय्या शुरू हो तो आप इसके उपाय कर लें।

हालांकि कई ऐसे लोग होते हैं, जिन्हें कुंडली में साढ़ेसाती या ढय्या शुरू होने का पता नहीं चल पाता है और ऐसा होने से वो वक्त रहते उपाय नहीं कर पता हैं। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार साढ़ेसाती या ढय्या शुरू से पहले जातक को कई सारे संकेत मिलने लग जाते हैं। इन संकेतों की मदद से आपको ये पता लग जाता है कि आपके जीवन में साढ़ेसाती या ढय्या शुरू हो गई है। तो आइए जानते हैं इन उपायों के बारें में-

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार साढ़ेसाती या ढय्या शुरू होती ही जातक के बालों पर इसका असर दिखने लग जाता है। जातक के बाल अचानक से गिरने लग जाते हैं। जबकि कई जातकों के बाल सफेद होने लग जाते हैं।

बार-बार शनिवार को चोट लगना भी साढ़ेसाती या ढय्या शुरू होने के संकेतों में से एक माना गया है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को शनिवार के दिन लोहे से चोट लगे, तो वो समझ ले की उसके जीवन पर साढ़ेसाती या ढय्या शुरू हो गई है।

कई बार साढ़ेसाती या ढय्या शुरू होने पर जातक का रंग भी बदलने लग जाता है और उसके चेहरे का तेज खत्म हो जाता है। शनि के भारी होने पर बहुत से लोगों के माथे का रंग बदलने लगता है और ललाट पर कालापन नजर आने लगता है। इसके अलावा कई व्यक्तियों के चेहरे का रंग काला भी हो जाता है।

अचानक से अगर अनैतिक चीजें में मन लगने लग जाए तो भी समझ लें की आपके जीवन पर शनि देव की बुरी दृष्टि पड़ गई है। इसके अलावा शनि का प्रभाव व्यक्ति की सोच को बदल देता है और वो ऐसे कार्यों को करने लग जाता है, जिनसे उसे आर्थिक नुकसान होने लग जाता है।

परिवार के सदस्यों से रिश्ते खराब होने लग जाते हैं। कार्य बिगड़ने लग जाता हैं और जो चाहते हैं वैसा बिलकुल नहीं होता है। इसके अलावा साढ़ेसाती या ढय्या शुरू होने पर व्यक्ति का व्यवहार बदल जाता है और उसकी हर कोई निंदा करने लग जाता है।

करें ये उपाय

  • साढ़ेसाती या ढय्या शुरू होने पर डरें नहीं बस शनिदेव की सच्चे मन से पूजा करें। शनिदेव की पूजा करने से साढ़ेसाती या ढय्या का प्रकोप कम होने लग जाता है।
  • शनिदेव के प्रकोप से बचने के लिए हनुमान जी की पूजा करना भी लाभकारक होता है। इसलिए शनिवार के दिन हनुमान का पूजन करें और हनुमान चालीसा पढ़ें।
  • काला रंग शनिदेव से जुड़ा होता है। इसलिए शनिवार के दिन काले रंग के कपड़े धारण करें और माथे पर काला तिलक भी लगाएं। साथ में ही काली चीजों का दान भी करें। ऐसा करने से साढ़ेसाती या ढय्या का प्रभाव अपने आप कम होने लग जाता है।
  • शनिदेव के प्रभाव से बचने के लिए पीपल के पेड़ की पूजा करें और इस पेड़ पर सरसों का तेल अर्पित करें।

तो ये थे साढ़ेसाती या ढय्या शुरू होने से जुड़े संकेतों की जानकारी व शनि के प्रभाव को कम करने के उपाय।

 

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