अध्यात्म

संतान की प्राप्ति के लिए जरूर रखें पुत्रदा एकादशी का व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु जी का पूजन करने से संतान योग्य बन जाता है और पुत्र की प्राप्ति होती है। इसलिए जिन लोगों को बच्चा नहीं है या जो लोग पुत्र की इच्छा रखते हैं, वो पुत्रदा एकादशी का व्रत जरूर रखें। साथ में ही विष्णु जी की इस दिन सच्चे मन से पूजा भी करें। मान्यता है कि पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने से संतान के जीवन पर अच्छा असर भी पड़ता है और बच्चों की आयु भी लंबी हो जाती है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जो जातक पूरे विधि विधान से पुत्रदा एकादशी का व्रत करते हैं। उनकी हर कामना पूरी हो जाती है। जो दंपति निःसंतान होते हैं। उन्हें पुत्र की प्राप्ति हो जाती है। इसी प्रकार से जिन लोगों के बच्चे होते हैं, उनका भाग्य चमक जाता है। इस साल पुत्रदा एकादशी 24 जनवरी को आ रही है। ये एकादशी रविवार के दिन पड़ रही है।

पुत्रदा एकादशी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

आपको बता दें कि पुत्रदा एकादशी साल में दो बार आती है। जिसमें से एक एकादशी सावन में हो होती ही है और दूसरी पौष माह में पड़ती है। इस साल की पहली पुत्रदा एकादशी 24 जनवरी को है। इसका आरंभ 23 जनवरी, शनिवार, रात 8:56 बजे से हो जाएगा। जबकि व्रत का समापन 24 जनवरी, रविवार, रात 10: 57 बजे होगा। पारण का समय 25 जनवरी, सोमवार, सुबह 7:13 से 9:21 बजे तक का है।

पुत्रदा एकादशी की पूजा विधि

  1.  पुत्रदा एकादशी की सुबह उठकर सबसे पहले दांतों को दातुन से साफ करें। फिर घर की सफाई करें और स्नान कर शुद्ध हो जाएं। याद रखें की एकादशी के दिन दातुन से ही दांत साफ करने चाहिए।

2. साफ कपड़े पहन लें और पूजा घर की सफाई कर लें। हो सके तो पीले रंग के ही वस्त्र धारण करें।

3. अब पूजा घर में एक चौकी रख दें और इसपर पीले रंग का वस्त्र बिछा दें और भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित कर दें।

4. अब चौकी को अच्छे से सजाएं और भगवान के लिए बनाया गया भोग उनके सामने रख दें। पूजा आरंभ करें और सबसे पहले दीपक जला दें। फिर भगवान को फूल और माला अर्पित करें।

6. पूजा शुरू करें और मन में व्रत का संकल्प लें। भगवान विष्णु से जुड़ी कथाएं व इनके मंत्रों का जाप करें। इसके बाद आरती करें। ये एकादशी रविवार को आ रही है। इसलिए आप इस दिन सूर्य देव की पूजा भी करें और उन्हें अर्घ्य जरूर अर्पित करें।

7. शाम के समय कथा का विधिवत पाठ करें।

व्रत के दौरान करें इन चीजों का सेवन

अगर आप एकादशी का व्रत रखते हैं। तो इस दिन केवल फल और दूध का ही सेवन करें और बार-बार ये चीज न खाएं। दिन में केवल दो बार ही इनका सेवन करें। इस दिन मंदिर में बैठकर भगवान के मंत्रों का जाप करें। वहीं रात के समय भी सोने से पहले भगवान के मंत्रों का जाप करें। सुबह उठकर स्नान कर पूजा करें और व्रत को तोड़ दें।

रखें इन बातों का ध्यान

  • एकादशी के दिन केवल जमीन पर ही सोएं और जमीन पर ही बैठकर भोजन करें।
  • इस दिन भूलकर भी तुलसी के पत्ते ना तोड़ें।
  • तुलसी की पूजा जरूर करें और भगवान विष्णु की पूजा करते समय उन्हें तुलसी का पत्ता जरूर अर्पित करें। आप एकदाशी से एक दिन पहले तुलसी का पत्ता तोड़कर रख सकते हैं।
  • किसी से लड़ाई न करें  और क्रोध करने से बचें।
  • प्यार व लहसुन का प्रयोग न करें।
  • एकदाशी के दिन भूलकर भी चावल या इससे बनीं चीजों का सेवन न करें। ऐसा करने से आप पाप के भाग्यदारी बनते हैं।

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