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विवाद को जन्म देने के लिए इस कबूतर ने तय किया 13 हजार किमी. का सफर

कबूतर जैसा शांत पक्षी आखिर किसे पसंद नहीं होता. कबूतर न सिर्फ शांत होते है बल्कि इंसानों को समझते भी है. पुराने जमाने में कबूतर ही एक इंसान को दूसरे से जोड़े रखने का काम करते थे. चाहे किसी को इश्कबाज़ी करना हो या किसी राजा को अपने पैगाम भिजवाने हो. इन सब का एक ही जरिया होता था कबूतर.

कबूतर न सिर्फ खत पहुंचाते थे बल्कि इंसानों का कीमती समय भी बचाते थे. कबूतर से सन्देश भेजना न सिर्फ तेज़ होता था बल्कि किफ़ायती भी होता था. हम में से किसे पता था कि एक दिन दुनिया इस कबूतर की ही दुश्मन हो जाएगी.

दरअसल मामला यह है कि अमेरिका से एक कबूतर 13 हजार किमी का सफर तय कर ऑस्ट्रेलिया पंहुचा था. अब ऑस्ट्रेलिया इस कबूतर को अपना दुश्मन बता रहा है.ऑस्ट्रेलिया की सरकार का यह मानना है कि इस एक कबूतर के आने से पूरे ऑस्ट्रेलिया में बीमारी फैल सकती है.

इस तरह कबूतर अमेरिका से ऑस्ट्रेलिया पंहुचा.

ख़बरों के मुताबिक ये सफेद कबूतर अमेरिका के ऑरेगॉन में कबूतरों की रेस में पिछले साल शामिल हुआ था. अपनी रेस को दौरान यह कबूतर अपना रास्ता भटक गया और हजारों किलोमीटर दूर ऑस्ट्रेलिया पहुंच गया. अब इसके ऑस्ट्रेलिया पहुंचने पर विवाद शुर हो गया. जब इसके पैर में बंधा कपडा खोला गया तो उस पर इसका नाम ‘जो’ लिखा हुआ था. ऑस्ट्रेलिया सरकार इसे अमेरिका के राष्ट्रपति से जोड़कर देख रही है. यह कबूतर 13 हजार किलोमीटर का सफर तय कर 26 दिसंबर को मेलबर्न पंहुचा था.

ऑस्ट्रेलिया सरकार ने इसे मारने का फैसला करते हुए यह तर्क दिया है कि इस कबूतर से यहां बीमारी फैल सकती है. ये कबूतर खाद्य सुरक्षा और पोल्ट्री फॉर्मों के लिए मुश्किल का सबब बन सकता है।

सोशल मीडिया में छाया ये सफेद कबूतर


ऑस्ट्रेलिया में मिला ये कबूतर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. विक्टोरिया-अमेरिका के पशु न्याय पार्टी के कानून जानकार एंडी मेडिक ने कहा ‘जो’ नाम के कबूतर को स्वतंत्र रूप से जीने का अधिकार अवश्य ही मिलना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि उस कबूतर के पैर में जो कपडा बंधा मिला है उसकी जाँच होनी चाहिए. किसी भी हालात में बेजुबां पक्षी को मारने की जरुरत नहीं है.

रेसिंग पिजन डेवलपमेंट ने कही ये बात

ऑस्ट्रेलिया सरकार के इस फैसले पर अमेरिका के ओकालहोमा के रेसिंग पिजन यूनियन के मैनेजर डीयोन रॉबर्ट्स ने अपनी बात रखते हुए कहा कि कबूतर के पैर में बंधा कपडा नकली है. अमेरिका के जिस ब्लू बार कबूतर को ये कपडा बांधा जाता है वो ऑस्ट्रेलिया द्वारा पकड़ा गया कबूतर है ही नहीं. इसलिए उस कबूतर को मारना उसके जीवन जीने की स्वतंत्रता का हनन करना है.

जानिए जांच में क्या सामने आया
इस कबूतर की जांच पड़ताल में ऑस्ट्रेलिया के कृषि विभाग ने पाया कि जो नाम के इस कबूतर के पैर में बंधा कपडा बेंड फ़र्ज़ी है. जांच में यह भी सामने आया कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की जीत की खुशी में किसी ने ये बैंड कबूतर के पैर में बांधकर उड़ाया होगा जिससे इस विवाद ने जन्म ले लिया. मुमकिन है कि यह कबूतर ऑस्ट्रेलिया का ही हो.

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