विशेष

बाजार में आया गाय के गोबर से बना इको-फ्रेंडली ‘ पेंट’, खासियत जानकर हैरान हो जाएंगे आप

खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) की ओर से ‘खादी प्राकृतिक पेंट’ लॉन्च किया गया है। ये पेंट बेहद ही खास है और पूरी तरह से केमिकल मुक्त है। इस पेंट को बनाने के लिए प्राकृतिक चीजों और गोबर का प्रयोग किया गया है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अनुसार इस पेंट का मुख्य घटक गोबर है और इस पेंट को कोई भी अपने घर में आसानी से करवा सकता है। मंगलवार को खादी और ग्रामोद्योग आयोग की ओर से ये पेंट पेश किया गया है। इस पेंट के बारे में बताते हुए कहा गया कि ये पेंट पर्यावरण के अनुकूल, जीवाणुरोधी और गैर-विषैले रंग- रोगन है।

गाय के गोबर पर आधारित ये पेंट सेहत के लिए उत्तम है और सस्ता भी है। इतना ही नहीं ये गंधहीन है और इसे भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा प्रमाणित भी किया गया है। इस पेंट को सड़क परिवहन तथा राजमार्ग और सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योग मंत्री नितिन गडकरी द्वारा लॉन्च किया गया है।

एक आधिकारिक बयान में सोमवार को कहा गया, ‘खादी प्राकृतिक पेंट दो रूपों में उपलब्ध है पहला डिस्टेंपर पेंट और दूसरा प्लास्टिक इमल्शन पेंट। खादी प्राकृतिक पेंट का उत्पादन किसानों की आय बढ़ाने के प्रधानमंत्री के विचार से जुड़ा हुआ है। फंगसरोधी और जीवाणुरोधी गुणों के साथ ही ये पेंट सीसा, पारा, क्रोमियम, आर्सेनिक, कैडमियम और अन्य भारी धातुओं से मुक्त है।

इस पेंट की मदद से गांव के लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान होंगे। पेंट को लेकर जारी किए गए बयान में आगे कहा गया कि इस तकनीक से पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों के लिए कच्चे माल के रूप में गोबर की खपत बढ़ेगी और किसानों तथा गौशालाओं को अतिरिक्त आमदनी होगी। इससे किसानों और गौशालाओं को प्रति पशु लगभग 30,000 रुपए वार्षिक आमदनी होगी। इस पेंट की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसमें हैवी मेटल्स का प्रयोग नहीं किया गया है।

खादी प्राकृतक डिस्टेंपर और इमल्शन पेंट का परीक्षण 3 राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं में किया गया है। नेशनल टेस्ट हाउस, मुंबई, श्री राम इंस्टीट्यूट फॉर इंडस्ट्रियल रिसर्च, नई दिल्ली और नेशनल टेस्ट हाउस, गाजियाबाद द्वारा इस पेंट का परीक्षण हुआ है। इस पेंट मे सीसा, पारा, क्रोमियम, आर्सेनिक, कैडमियम जैसे हैवी मेटल नहीं है।

खादी और ग्रामोद्योग आयोग की ओर से कहा गया है कि प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के माध्यम से स्थायी स्थानीय रोजगार बढ़ेगा। इस तकनीक से पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों के लिए कच्चे माल के रूप में गोबर की खपत बढ़ेगी और किसानों और गौशालाओं की अतिरिक्त कमाई होगी। गौरतलब है कि इससे पहले गाय के गोबर के दीपक बाजार में आए गए थे। ये दीपक भारत के अलावा अन्य देशों में भी बेचे गए थे। वहीं अब गाय के गोबर से बना पेंट लाया गया है।

Back to top button