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ईमानदारी का फल जरूर मिलता है, बेईमानी से किए गए कार्य में हमेशा असफलता ही हाथ लगती है

ईमानदारी से किए गए काम का फल जरूर मिलता है और बेईमानी से किया गया कार्य कभी भी सफल नहीं होता है। इस संदर्भ से एक कथा जुड़ी हुई है। जो हमें इस चीज की शिक्षा देती है कि इंसान को सदा ईमानदारी से ही हर कार्य करना चाहिए। कथा के अनुसार एक राजा हुआ करता था और इस राजा के कुल 5 पुत्र थे। राजा का राज्य काफी बड़ा था और राजा ने अपने राज्य को अच्छे से संभाल रखा था। हालांकि वक्त के साथ राजा वृद्ध होने लगा और राजा को अपने राज्य की चिंता होने लगी।

राजा ने अपने मंत्री से कहा कि अब वो वृद्ध हो गए हैं और अब समय आ गया है कि राज्य को नया राजा दिया जाए। मैं अपने पांच बेटों में से किसी एक को राजा बनाऊंगा। लेकिन में ये तय नहीं कर पा रहा हूं कि किसे ये जिम्मेदारी सौंपी जाए। राजा के मंत्री ने उन्हें एक सुझाव दिया और कहा कि आप पांच राजकुमार की एक परीक्षा लें। जो इस परीक्षा में कामयाब होगा उसे आप राजा बना दें।

मंत्री की बात को मानते हुए राजा ने अपने पांच पुत्रों को बुलाया। अपने पुत्रों से राजा ने कहा कि मेरी आयु हो गई है और मैं अब सही से राज्य का काम नहीं संभाल पा रहा हूं। इसलिए वक्त आ गया है कि राज्य को नया राजा दिया जाए। इसलिए मैं तुम पांचों की एक परीक्षा लूंगा और जो भी इस परीक्षा को पास कर लेगा। वहीं इस राज्य का नया राजा बनेंगा। राजा के इस प्रस्ताव को पांचों राजकुमारों ने स्वीकार कर लिया।

राजा ने राजकुमारों से कहा कि मैं तुम्हें एक बीज दे रहा हूं। तुम इस बीज को ले जाकर एक गमले में लगा दो। इस बीज से एक पौधा खिलेगा। उसकी देखभाल अच्छे से करो और एक साल बाद वो पौधा मेरा पास लेकर लाना। जिसका पौधा सबसे बड़ा और सुंदर होगा। उसे में इस राज्य का राजा बना दूंगा।

राजा के दिए गए बीजों को उनके बेटों ने गमले में लगा दिया और एक साल बाद राजा के पास अपने गमले लेकर आ गए। राजा ने देखा की उनके पांच में से चार बेटों के गमलों में बेहद ही सुंदर पौधे लगे हैं। जबकि सबसे छोटे बेटे के गमले में कोई भी पौधा नहीं है। राजा ने पांचों के गमले देखने के बाद ऐलान करते हुए कहा कि उनके बाद राज्य का नया राजा उनका छोटा बेटा बनेगा। ये बात सुनकर राजा के अन्य बेटे हैरान हो गए। उन्होंने राजा से कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है। हम सबके गमलों में पौधा है और उसके गमले में कोई भी पौधा नहीं लगा हुआ है। ऐसे में राजा हम चारों में से किसी एक को बनाया जाना चाहिए। न कि उसे।

राजा ने पूरी बात सुनने के बाद कहा कि मैंने आप सभी को जो बीज दिए थे। वे सभी बीज खराब थे। आप सभी ने अपना-अपना बीज बदल दिया था और उसकी जगह नया बीज लगाया। जबकि मेरे सबसे छोटे बेटे ने उसी बीज का इस्तेमाल किया जो मैंने उसे दिया था। मैं इस परीक्षा के जरिए ये देखना चाहता था कि तुम में से कौन सबसे ज्यादा ईमानदार है। इस परीक्षा में तुम सब असफल रहे। क्योंकि तुमने बेईमानी की। लेकिन तुम्हारे छोटे भाई ने ईमानदारी के साथ ये परीक्षा दी। इसलिए वो ही इस राज्य का राजा होगा।

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