अध्यात्म

भारत को साल 2021 में कोरोना से मिलेगा छुटकारा या बढ़ेगी मुश्किलें, जानिये क्या कहते है सितारे

साल 2020 भारत समेत पूरी दुनिया के लिए भयावह रहा है। इस साल कोरोना वैश्विक महामारी ने भारी तबाही मचाई, जिसकी वजह से लाखों लोगों को अपने जान से हाथ धोना पड़ा। यही नहीं बल्कि अर्थव्यवस्था से लेकर नौकरी, खेती किसानी और व्यवसाय तक सभी घाटे में हैं।

ऐसे में सभी को 2021 से काफी उम्मीदें हैं, तो आज हम आपको ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ये बताने वाले हैं कि आखिर 2021 भारत के लिए कैसा रहने वाला है…

कैसे होंगे राजनीतिक हालात

 

2020 में राजनीति में सत्तारूढ़ बीजेपी का वर्चस्व देखने को मिला, तो 2021 में भी बीजेपी का वर्चस्व कायम रह सकता है। सरकार कृषि और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर कुछ सराहने कदम उठा सकती है।

करियर और व्यवसाय

व्यवसाय के मामले में 2021 बेहद अनुकूल रहने वाला है। वित्तीय लेनदेन के मामले में भी ये वर्ष काफी अच्छा रहेगा। 2021 में बुध का सूर्य के चौथे भाव में गोचर होना शुभ संकेत हैं, जिससे करियर और व्यवसाय के मामले में लोगों को काफी बड़ा लाभ मिलने वाला है।

वैश्विक आर्थिक संकट

ज्योतिषियों की मानें तो साल 2022 से पहले भारत का आर्थिक संकट हल नहीं होगा। दरअसल 2020 और 2021 में मकर राशि में शनि और बृहस्पति का योग बन रहा है, जिसकी वजह से आर्थिक मंदी और ज्यादा गहराने वाली है। वैश्विक मंदी भी आ सकती है।

शनि और बृहस्पति के मिलन से दुनिया भर में कई बड़े आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन हो सकते हैं। वैसे तो शनि सामान्यतः जनता के लिए हितकारी माने गए हैं, वहीं गुरू धन और ज्ञान के प्रतीक हैं। परंतु जब इन दोनों की युति होती है या आमने सामने होते हैं, तो बड़े राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक बदलाव आते हैं।

 

2021 में शनि और बृहस्पति की युति दो बार होने जा रही है। नवंबर दिसंबर के महीने में शनि-बृहस्पति मकर राशि में युति करने वाले हैं। इस युति से दुनियाभर में विश्व युद्ध जैसे हालात बन सकते हैं। वैश्विक आर्थिक मंदी का असर भारत, जापान, अमेरिका और यूरोप के कई देशों में पड़ेगा।

अप्रैल 2022 के बाद इन स्थितियों से राहत मिलने की संभावना है। बता दें कि अप्रैल 2022 से जनवरी 2023 में जब बृहस्पति का गोचर मीन राशि में होगा, तो वैश्विक अर्थव्यवस्था में तेजी आने वाली है।

क्या नियंत्रण में होगा कोरोना

ज्योतिर्विदों के अनुसार दिसंबर 2020 से लेकर जनवरी 2021 में कोरोना का असर कम होने लगेगा। ऐसे में लोगों की जीवन पटरी पर लौटने लगेगी। कोविड के जल्द ही समाधान मिलने के भी योग हैं। अगस्त के महीने तक पूरी तरह से सामान्य स्थिति होने के आसार हैं।

संचार पर कैसा होगा असर

2021 बुध में बुध ग्रह की वक्री चाल बेहद महत्वपूर्ण होने वाली है। ऐसे में भारत का दूसरे देशों से बेहतर संबंध स्थापित हो सकता है। बता दें कि 30 जनवरी से लेकर 21 फरवरी के दौरान बुध का कुंभ राशि में गोचर होगा और 29 मई से 11 जून तक मिथुन राशि में। इसके बाद 27 सितंबर से 23 अक्टूबर तक तुला राशि में वक्री होंगे।

राहु केतु का प्रभाव

कुंडली के दूसरे घर में राहु की मौजूदगी से अर्थव्यवस्था नष्ट होगा और वित्तीय अपराध बढ़ेंगे। वहीं आठवें भाव में केतु भी खतरे की ओर इशारा कर रहे हैं। इससे रोजगार को नुकसान होगा और सांप्रदायिक हिंसा को भी बढ़ावा मिलेगा।

वृषभ और वृश्चिक राशि राहु-केतु के लिए मजबूत राशियां मानी जाती हैं। सितंबर 2020 से लेकर मार्च 2022 के बीच हुई घटनाओं का प्रभाव लंबे समय तक रहने वाला है। यानी इन 18 महीनों में आर्थिक मंदी, नौकरी को नुकसान, उद्योग धंधे और बैंको के ठप रहने की भी संभावना है।

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