राजनीति

किसानों की समस्याओं का जल्द निकलेगा समाधान? बंगाल में अमित शाह ने दिया ये बड़ा बयान

दिल्ली के बॉर्डर पर नए कृषि कानूनों को लेकर लगातार विरोध जारी है। किसान नए कृषि कानूनों की वापसी की जिद पर अड़े हुए हैं। दिल्ली की सीमाओं पर डटे आंदोलनरत किसान अभी भी अपनी मांगों से पीछे नहीं हट रहे हैं। नए कृषि कानूनों पर सरकार और किसानों के बीच गतिरोध जारी है और इसको दूर करने के लिए केंद्र और आंदोलनरत किसानों के प्रतिनिधियों के बीच कई दौर की वार्ता हुई परंतु यह असफल साबित रही।

सरकार हमेशा से ही बातचीत के जरिए इस मामले को सुलझाने की कोशिश कर रही है। एक बार फिर से मसला सुलझाने के लिए सरकार ने अपनी कोशिश तेज कर दी है। इसी बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह घोषणा की है कि किसानों का आंदोलन खत्म करने के लिए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर प्रदर्शनकारी किसानों से एक या दो दिन में मुलाकात कर सकते हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के बोलपुर में यह घोषणा की थी कि “नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर एक-दो दिन में मुलाकात कर सकते हैं। अमित शाह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि “मैं समय के बारे में पूरी तरह से अवगत नहीं हूं, लेकिन किसानों के प्रतिनिधियों से उनकी मांग पर चर्चा के लिए तोमर के सोमवार या मंगलवार को मुलाकात करने की संभावना है।”

आपको बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों के आंदोलन पर इससे पहले बात करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील का किसानों पर असर जरूर होगा। अमित शाह ने कहा था कि सरकार किसानों के हर सवाल पर खुले मन से विचार करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। साथ ही उन्होंने कहा था कि किसी को भी जिद नहीं करनी चाहिए। हम किसानों की सुनेंगे और किसानों को भी हमारी सुननी चाहिए, उसके बाद मुद्दे पर उचित निर्णय लिया जाना चाहिए। हां या ना में संवाद की भाषा नहीं होती। किसान हमें सुनें, हम किसानों को सुनें और किसानों के मुद्दे पर उचित निर्णय लिया जाए।

बताते चलें कि किसान दिल्ली से लगी हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर करीब चार हफ्ते से हजारों की संख्या में डेरा डाले हुए नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। सभी किसानों की यही मांग है कि नए कृषि कानूनों को वापस लिया जाए। सरकार द्वारा बातचीत से इस मसले को सुलझाने की पूरी कोशिश की जा रही है परंतु सारी कोशिशें नाकाम हो रही हैं, लेकिन सरकार की भी कोशिश लगातार जारी है। इसी बीच 23 दिसंबर को किसान दिवस पर देश के किसान एक समय उपवास रखेंगे और 25 से 27 दिसंबर तक हरियाणा में सभी राजमार्गों पर टोल वसूली नहीं करने देंगे।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि, जब तक बिल वापस नहीं होगा, एमएसपी पर कानून नहीं बनेगा, तब तक किसान यहां से बिल्कुल भी नहीं जाएंगे, 23 तारीख को किसान दिवस के अवसर पर किसान आप से कह रहे हैं कि एक समय का भोजन नहीं करेंगे और किसान आंदोलन को याद करें।

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