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बड़ी मेहनत से जमा की थी पॉकेटमनी, दो मासूम बच्चों ने श्रीराम मंदिर बनवाने के लिए पैसे किए दान

हम सभी लोगों का बचपन जीवन का एक यादगार समय होता है। बचपन एक ऐसा समय होता है, जो हमारे आने वाले जीवन को एक बेहतर जीवन का आकार देता है। बचपन में माता-पिता हमारी बहुत देखभाल करते हैं। इसी उम्र में हम सभी को बहुत कुछ सीखने को मिलता है, जिसकी वजह से हम लोग बड़े होकर एक सफल इंसान बनते हैं। वैसे देखा जाए तो हर किसी का बचपन उसके जीवन का सुनहरा दौर होता है, जो जीवन भर याद रहता है। बचपन खेलने कूदने की उम्र होती है परंतु आज हम आपको ऐसे दो बच्चों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानकर आप भी तारीफ करेंगे। दरअसल, अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के लिए बिहार से आए 2 बच्चों ने कुछ ऐसा किया जो उनकी उम्र के बच्चे सोच भी नहीं सकते हैं।

बच्चे बचपन में अपने माता-पिता से पैसे लेते हैं और उन पैसों से बच्चे चॉकलेट और खिलौने खरीदते हैं परंतु बिहार के यह दो बच्चे जिनका नाम विवेक और वैभव है उन्होंने अपनी मेहनत से अपनी पॉकेटमनी जमा की और सारा का सारा पैसा भगवान राम के नाम कर दिया। आपको बता दें कि इन बच्चों ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के ऑफिस में जाकर पॉकेटमनी से बचाई गई धनराशि 2001 रुपये दान कर दी। यह दो मासूम बच्चे बिहार से अपने माता-पिता के साथ जन्मभूमि के दर्शन करने के लिए अयोध्या आए हुए थे परंतु इन बच्चों ने यह प्रण लिया था कि भगवान के दर्शन करने से पहले वह रामलला के लिए दान करेंगे।

आपको बता दें कि विवेक तीसरी कक्षा में पढ़ता है और वैभव पांचवी कक्षा में पढ़ाई करता है। इन दोनों बच्चों का ऐसा बताना है कि वह अक्सर टीवी पर श्री राम को देखते रहे हैं। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भूमि पूजन किया था तो उन्होंने यह पूरा देखा था। विवेक और वैभव दोनों अपने माता-पिता के साथ राम जन्म भूमि ट्रस्ट कार्यालय में पहुंचे। वहां पर पहुंचकर मैनेजर प्रकाश गुप्ता को 2001 रुपये दान के रुप में दिए। बच्चों के माता-पिता ने भी राम निर्माण मंदिर के लिए ₹5000 रुपये का दान किया था।

इन दोनों मासूम बच्चों ने यह बताया है कि उनकी यह इच्छा थी कि वह जब भी भगवान श्री राम के दर्शन करने के लिए आएं, तो रामलला के मंदिर के लिए दान करें। इन बच्चों के माता-पिता इनको पॉकेटमनी देते थे परंतु वह सारा पैसा इकट्ठा करते थे। कभी इनको ₹5 पॉकेटमनी मिलती थी तो कभी ₹10 पॉकेटमनी मिलती थी। इसी तरह पैसे इकट्ठे कर-कर के इन्होंने दान के लिए पैसे एकत्रित कर लिए थे। उन्होंने यह सारा पैसा एक गुल्लक में इकट्ठा किया था। उन्होंने सोचा था कि जब भी वह अयोध्या जाएंगे तो यह गुल्लक फोड़कर पैसे दान करेंगे। इन बच्चों को अयोध्या जाने का अवसर मिला और इन्होंने अपनी तरफ से एक-एक हजार रुपये राम जन्म भूमि ट्रस्ट कार्यालय में दान दिए। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय मैनेजर प्रकाश गुप्ता का ऐसा बताना है कि देश के हर परिवार के बच्चों में यही भावना होनी चाहिए।

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