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70 वर्षीय बुजुर्ग महिला गिर गई थी कुएं में, जान की परवाह किए बिना पुलिसकर्मी ने लगा दी छलांग

पुलिस का कार्य बेहद कठिन माना जाता है। पुलिस हमारी सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार रहती है। दिन-रात जागकर यह अपना फर्ज निभाते हैं, जिसकी वजह से हम अपने घरों में सुरक्षित सो पाते हैं। पुलिस कर्मचारी 24 घंटे खतरों से जूझते रहते हैं। चोर डकैतों से मुठभेड़ के दौरान घायल भी हो जाते हैं। हर परेशानी झेल कर यह अपने कर्तव्य का पालन करते रहते हैं। आप लोगों ने ऐसे बहुत से पुलिस कर्मचारियों की जांबाज़ी के किस्से सुने होंगे, जिसको जानने के बाद गर्व महसूस होता है। आज हम आपको एक ऐसे पुलिस कांस्टेबल के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जिसने एक बुजुर्ग महिला की जान बचाने के लिए कुएं में छलांग लगा दी। वैसे फर्ज के ऊपर उठकर काम करने वालों के लिए मन में एक विशेष सम्मान की भावना होती है। कुछ ऐसा ही आंध्र प्रदेश के एक कॉन्स्टेबल ने किया है। अपनी जान की परवाह किए बगैर इस पुलिस कॉन्स्टेबल ने कुएं में गिरी एक बुजुर्ग महिला की जान बचाई है।

पुलिस कांस्टेबल ने अपनी जान की नहीं की परवाह

खबरों के अनुसार ऐसा बताया जा रहा है कि विजयवाड़ा के गुदुर गांव में वृद्ध महिला कुएं में गिर गई थी, जिस को बचाने के लिए पुलिस कॉन्स्टेबल ने अपनी जान की परवाह किए बिना कुएं में छलांग लगा दी। आपको बता दें कि लगभग आधी रात को कॉन्स्टेबल ए शिवकुमार और श्याम को डायल 100 के माध्यम से एक बुजुर्ग महिला के बारे में जानकारी प्राप्त हुई थी, जो महिला घर के पास कुएं में गिर गई थी। वहां के स्थानीय लोगों ने इस बुजुर्ग महिला की सहायता करने की कोशिश की। वहां पर आसपास के लोगों की भारी भीड़ इकट्ठी हो गई थी परंतु रात के समय अंधेरा बहुत ज्यादा था और कुएं की गहराई होने की वजह से लोग कुछ भी नहीं कर पा रहे थे।

जब आधी रात को पुलिस कॉन्स्टेबल को यह सूचना मिली तो वह कुछ ही मिनटों पर वहां पर पहुंच गए थे। कॉन्स्टेबल ने वहां पर पहुंचकर देखा कि बुजुर्ग महिला बी सावित्री डूबने वाली थी। उस समय के दौरान कोई सीढ़ी या फिर रस्सी मौजूद नहीं थी तो शिवकुमार ने तुरंत कूदने का फैसला ले लिया। उन्होंने बताया कि “उस समय मेरा एकमात्र विचार उन्हें बचाने के लिए था। मैंने डूबने से बचाने के लिए महिला को अपनी गोद में संतुलित किया।”

रस्सी का इंतजाम करने में लग गया इतना समय

जब पुलिस कॉन्स्टेबल शिव कुमार ने बुजुर्ग महिला को अपनी गोद में लेकर संतुलित किया तो वहां के स्थानीय लोगों और उनके सहयोगी श्याम उन्हें बाहर निकालने के लिए रस्सी खोजने लगे। रस्सी ढूंढने में लगभग 10 मिनट तक का वक्त लग गया था। आखिर में उन्हें सुरक्षा के लिए बाहर लेकर आ गए। लोकल्स ने पास के सरकारी अस्पताल से बुजुर्ग महिला को अटेंड करने के लिए मेडिकल स्टाफ को बुलाया परंतु कथित तौर पर कहा गया कि अस्पताल में कर्मचारी मौके पर नहीं आ सकते। फिर शिव कुमार ने पंजीकृत मेडिकल प्रैक्टिशनर को बुलवाया। जिन्होंने महिला को चिकित्सा सहायता प्रदान की थी। इन दोनों कॉन्स्टेबल के द्वारा किए गए प्रयासों की वहां के स्थानीय लोगों और पुलिस अधिकारियों ने प्रशंसा की।

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