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दिवाली पर कारोबार प्रभावित हुआ तो तिलमिलाया चीन, जानिए क्या है इसका कारण

दिवाली का त्यौहार जैसे ही नजदीक आता था बाजार में चीनी उत्पादों की भरमार देखने को मिलती थी, लेकिन अब इस दिवाली पर चीन के उत्पादों का वर्चस्व कम हो जाएगा। जी हां, चीन अपने लाइटिंग कारोबार पर होती हुई चोट देख कर तिलमिला गया है। आपको बता दें कि भारत में गाय के गोबर से 33 करोड़ दिए बनाने का ऐलान किया गया है, जिसके पश्चात चीन की ट्विटर कही जाने वाली ऑनलाइन प्लेटफॉर्म वीईबो पर गाय के गोबर लैंप की खूब चर्चा चल रही है। चीन के मुख्य पत्र ग्लोबल टाइम्स में यह कहा गया है कि “गोबर के दिए से वायु प्रदूषण से फैलेगा, जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।” चीन को इस बात की आशंका है कि इस प्रकार के भारतीय कार्यक्रम से उनका आयात प्रभावित होगा।

आपको बता दें कि त्योहारों के सीजन में दिवाली का त्यौहार सबसे बड़ा माना जाता है। हर वर्ष दिवाली पर चीन से बनी लाइटें घर-घर में जगमगाती हुई नजर आती थी। अपने इस कारोबार की वजह से चीन को बहुत अधिक फायदा मिलता था। मगर इस वर्ष एक खास किस्म के दिए घर में जगमगाने वाले हैं। जी हां, इस वर्ष आपको मार्केट में गाय के गोबर से बने हुए दिए खरीदने को मिलेंगे। राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने दिवाली के खास अवसर पर चीनी उत्पादों को टक्कर देने के लिए गाय के गोबर से तैयार दीयों की पेशकश की है। इस वर्ष दिवाली से पहले गाय के गोबर से 33 करोड़ दिए बनाने की घोषणा कर दी गई है। आयोग ने कहा था कि “इस वर्ष दिवाली के दौरान चीनी लाइट्स का आयात रोकने के लिए 33 करोड़ दिए बनाने का फैसला किया गया है।”

एक अनुमान के अनुसार दिवाली के त्योहार के दौरान करीब 90% लाइटिंग का इस्तेमाल करने के लिए चीन से आयातित होती थी। कामधेनु आयोग के अनुसार ऐसा बताया जा रहा है कि देश के 15 राज्य गाय के गोबर से दिए बनाने के कार्यक्रम के लिए तैयार हो गए हैं। इसी बीच चीन का ऐसा कहना है कि भारत बिना जांचे-परखे मेक इन इंडिया कार्यक्रम को प्रोत्साहित कर रहा है। आपको बता दें कि चीन से लाइट से संबंधित वस्तुएं आयात को कम करने के लिए बंदरगाहों पर चीन से आने वाले माल की गुणवत्ता की जांच की जाएगी। अगर इन चीजों की गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की कमी पाई गई तो माल को चीन वापस भेज दिया जाएगा या फिर इसको पूरी तरह से नष्ट कर दिया जाएगा। इन चीजों को नष्ट करने में जो भी खर्च आएगा, वह आयातक उठाएगा। इसी प्रकार की बातें सामने आने के बाद चीन पूरी तरह से तिलमिला उठा है। दिवाली के अवसर पर हर वर्ष बड़े पैमाने पर चीन से लाइटों का आयात किया जाता था परंतु चीन के साथ रिश्तो में कड़वाहट का असर अब देखने को मिल रहा है।

बताते चलें कि पहले उपभोक्ता चीन से आयातित होने वाली चीजों को खरीदने के लिए बेहद दिलचस्पी दिखाते थे परंतु अब ऐसा नहीं हो रहा है। दीपावली पर बिकने वाली चाइनीस प्रोडक्ट का ऑर्डर अब कम कर दिया गया है। लोग चीनी लाइटों और अन्य सामानों का बहिष्कार कर रहे हैं।

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