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धान क्रय केंद्रों पर हो रही धांधली की मिली शिकायत, खुद किसान का भेष बदलकर DM ने मारा छापा

क्रय केंद्रों पर किसानों को अक्सर बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ज्यादातर ऐसा होता है कि बिचौलियों से सांठगांठ की वजह से केंद्र प्रभारी धान में किसानों को नमी बताकर कई-कई दिनों तक उनको अटका कर रखता है। आखिर में किसान काफी परेशान हो जाता है और मजबूरी में आकर बिचौलियों को किसान सस्ते दामों पर धान बेच देता है। इस तरह के मामले अक्सर आते रहते हैं। एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां धान क्रय केंद्रों पर हो रही धांधली की शिकायत मिलने के बाद रामपुर के जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने किसान का भेष बदलकर धान केंद्र पर छापा मारा।

दरअसल, जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह को पिछले काफी लंबे वक्त से किसानों की तरफ से शिकायतें मिल रही थीं, लगातार किसानों की शिकायत पर इन्होंने एक्शन लिया और इसके पीछे सच क्या है, इसको जानने के लिए डीएम साहब ने सामान्य व्यक्ति का भेष धारण करके धान खरीदने खुद केंद्र पर पहुंच गए। शर्ट लटकाए, सिर पर अंगोछा बांधकर जब जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार धान खरीदने केंद्र पर पहुंचे तो उन्हें कोई भी व्यक्ति नहीं पहचान पाया था। जब इन्होंने अपना धान बेचने की बात कही तो उनका सामना बिचौलियों से हुआ। कुछ ही समय में हो रही गड़बड़ सामने आ गई।

आपको बता दें कि जिलाधिकारी खुद बाइक पर सवार होकर बिलासपुर मंडी में किसान का भेष बदलकर पहुंचे थे। उनका काफिला पहले ही रुक गया था। काफी देर तक इन्होंने किसानों से किसान के रूप में ही खरीद के बारे में जानकारी प्राप्त की। उसके बाद यह सभी आठ केंद्रों पर पहुंचे और अपना अनाज तुलवाने की बात कही। इसी बीच भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ मर्यादित क्रय केंद्र पर तमाम अनियमितताएं देखने को मिली थीं, जिसके बाद डीएम साहब ने केंद्र प्रभारी को रंगे हाथ पकड़ा।

जैसे ही उन्होंने अपने सिर और मुंह से कपड़ा हटाया था तो वहां पर मौजूद सभी लोगों के पसीने छूटने लग गए थे। निरीक्षण में डीएम साहब को ऑनलाइन और ऑफलाइन खरीद में भारी अंतर देखने को मिला। उन्होंने देखा कि किसानों को इसके लिए रसीद भी नहीं दी जा रही थी। अनाज को तुलवाने में भी काफी गड़बड़ी थी। अभिलेखों में भी काफी अंतर देखने को मिला, जिसके बाद डीएम साहब ने केंद्र प्रभारी की जमकर खिंचाई की। डीएम साहब ने केंद्र प्रभारी के खिलाफ धान खरीद में शासन द्वारा दिए गए निर्देशों के प्रति लापरवाही बरतने की वजह से FIR दर्ज कराने का निर्देश दिया।


जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने बताया कि खरीद केंद्र के अंतर तो प्राइवेट कंपनियों के लोग किसानों को अपनी बातों में बहला-फुसलाकर अलग-अलग दामों पर किसानों का धान खरीद लेते हैं और दाम करीब 400 से 500 कम रहता है। आगे डीएम साहब ने बताया कि उन्होंने खुद घूमकर और लोगों से बातचीत करके, इतना ही नहीं जो प्राइवेट खरीदार थे उनसे भी बातचीत करके इन सभी चीजों का निरीक्षण किया था। उन्होंने सभी अधिकारियों को इस संबंध में बुलाया और साथ ही उन्होंने कहा कि किसान से अगर कोई भी कम दाम पर धान की खरीदारी करता है तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी।

डीएम साहब को केंद्र पर गड़बड़ी मिलने की वजह से काफी गुस्सा आया। उन्होंने तत्काल ही उप जिलाअधिकारियों को बुलवाया और कहा की खरीद पर पूरी नजर रखी जाए। अगर किसानों को तौल में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ता है तो उस समस्या को तुरंत दूर किया जाना चाहिए। डीएम साहब ने कहा कि ऐसी व्यवस्था की जा रही है जहां पर किसानों को आसानी से खरीद केंद्र दिखे। इसके साथ ही किसान वहां सीधे एंट्री प्राप्त कर सके और बीच में कोई प्राइवेट आदमी ना हो। इसके लिए कमेटी भी तैयार की जा रही है, जो इसकी निगरानी रखने वाली है। अगर सड़क पर कोई भी किसान से सौदा करता हुआ नजर आता है तो उसके खिलाफ कार्यवाही होगी।

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