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सुशांत सिंह राजपूत की विसरा रिपोर्ट लगी सीबीआई के हाथ, ज़हर देकर मारे जाने का कोई निशान नहीं

सुशांत सिंह राजपूत के निधन को कुछ ही दिनों में 4 महीने पूरे हो जाएंगे, लेकिन सीबीआई के हाथ अभी तक कोई पुख्ता जानकारी नहीं लगी है, जिससे कि आत्महत्या को मर्डर करार दिया जा सके. सुप्रीम कोर्ट द्वारा केस सीबीआई को सौंपे जाने के बाद एम्स के डॉक्टरों की टीम भी सुशांत के मौत की छानबीन में जुटी हुई थी. ऐसे में अब खबरें आ रही हैं कि एम्स ने एक्टर की प्राइमरी रिपोर्ट, विसरा रिपोर्ट और अटॉप्सी रिपोर्ट सीबीआई के हवाले कर दी है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह बात सामने आई है कि विसरा रिपोर्ट में सुशांत की बॉडी में किसी प्रकार का कोई जहर नहीं पाया गया है. एम्स के डॉक्टरों को सुशांत के शरीर में किसी भी तरह का कोई आर्गेनिक पॉइज़न नहीं मिला है. साथ ही फॉरेंसिक टीम ने कूपर अस्पताल में हुए सुशांत के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर भी सवाल उठाया है.

गौरतलब है कि सुशांत सिंह राजपूत बीते 14 जून को अपने मुंबई स्थित फ्लैट में मृत पाए गए थे. सुशांत को जानने वाले लगातार यह कह रहे थे कि सुशांत आत्महत्या नहीं कर सकते. इसके बाद मामला कोर्ट में पहुंचा था और सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सीबीआई जांच की अनुमति दे दी थी. सीबीआई अब इस मामले की जांच हर तरीके से कर रही है, लेकिन जांच में कुछ खास जानकारी हाथ नहीं लग पा रही है.

किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है सीबीआई

मामले की जांच सही तरीके से हो सके इसलिए सीबीआई के कहने पर डॉ. सुधीर गुप्ता की अध्यक्षता में एम्स का मेडिकल पैनल (AIIMS Medical Penal) बनाया गया था. वहीं, सीबीआई ने बीते दिनों बयान जारी कर बताया था कि सुशांत मामले में वे अभी तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं. फिलहाल सभी पहलुओं को मद्दे नजर रखते हुए जांच अभी जारी है. ऐसे में एम्स के विशेषज्ञ डॉक्टर सुधीर गुप्ता की राय बेहद अहम मानी जाएगी. उनकी राय के बाद ही यह तय होगा कि सीबीआई इस केस की जांच हत्या एंगल से करेगी या आत्महत्या एंगल से कार्रवाई आगे बढ़ेगी.

वकील ने जांच प्रक्रिया पर जताया था शक

बीते दिनों सुशांत के पिता के वकील विकास सिंह ने एक ट्वीट कर सीबीआई की जांच प्रक्रिया पर ही सवाल खड़े कर दिए थे. उन्होंने इसे लेकर एक ट्वीट किया था, जिसमें लिखा था, “सुशांत सिंह राजपूत को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले को सीबीआई हत्या के मामले में बदलने में देरी कर रही है, इससे निराशा बढ़ रही है. एम्स टीम का हिस्सा रहे एक डॉक्टर ने मुझे बहुत पहले ही बता दिया था कि मेरे द्वारा भेजे गए फोटोज 200% इशारा कर रहे हैं कि ये मौत गला घोंटने से हुई है, न कि आत्महत्या से”. वहीं, एम्स की टीम ने विकास सिंह के दावे को गलत ठहराया है.

क्या होता है विसरा और कैसे की जाती हैं जांच?

सुशांत सिंह राजपूत

बता दें, किसी की मौत के बाद यदि उसका पोस्टमॉर्टम किया जाता है तो इस दौरान मरने वाले व्यक्ति की बॉडी से विसरल पार्ट यानी कि आंत, दिल, किडनी, लीवर आदि अंगों का सैंपल लिया जाता है, इसे ही विसरा कहते हैं. यदि मौत संदिग्ध हालातों में होती है और पुलिस व परिवार वालों को किसी भी तरह का शक होता है तो इस स्थिति में विसरा की जांच की जाती है.

केमिकल एक्जामिनर विसरा की जांच करते हैं. जांच से वे यह पता लागने की कोशिश करते हैं कि मौत कैसे और किस वजह से हुई. मौत का बताया गया वक्त, शरीर के अंदरूनी अंगों का रंग, नसों की सिकुड़न, पेट में मिलने वाले खाने के अवशेष इस जांच में बेहद अहम भूमिका निभाते हैं. विसरा जांच में यह आसानी से पता लगाया जा सकता है कि किसी व्यक्ति की मौत किस वजह से हुई है.

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