बॉलीवुड

“बालिका वधू” के डायरेक्टर सब्जी बेचने पर हुए मजबूर, आर्थिक तंगी के चलते करना पड़ा ये काम

कोरोना वायरस की महामारी ने देशभर का बुरा हाल कर दिया है। लगभग 6 महीने से कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन चल रहा है जिसके कारण भारत की अर्थव्यवस्था दिन पर दिन खराब होती जा रही है। लाखों-करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए हैं। कोरोना काल में लोग अपना गुजर-बसर करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं परंतु कोई भी रोजगार उपलब्ध ना होने के कारण लोगों को बहुत सी परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है, खासतौर से आर्थिक तंगी एक बड़ी समस्या है। कोरोना की मार आम लोगों पर ही नहीं बल्कि बॉलीवुड और टीवी इंडस्ट्री पर भी पड़ी है। टीवी सीरियल्स और फिल्मों की शूटिंग कोरोना वायरस की वजह से बंद हो गई है, जिसके चलते फिल्म और टीवी से जुड़े हुए कलाकारों के सामने आर्थिक समस्या सबसे बड़ी चुनौती बन चुकी है। आपको बता दें कि टीवी का सबसे मशहूर सीरियल “बालिका वधू” के डायरेक्टर रामवृक्ष गॉड भी कोरोना वायरस की वजह से आर्थिक तंगी की मार झेल रहे हैं। मजबूर होकर इनको सब्जी बेचना पड़ रहा है।

“बालिका वधू” के डायरेक्टर सब्जी बेचने पर हुए मजबूर

फिल्म इंडस्ट्री में खुद को स्थापित करने के लिए डायरेक्टर रामवृक्ष गॉड ने बहुत ज्यादा मेहनत की है। इन्होंने यह मुकाम हासिल करने के लिए काफी संघर्ष किया है। पहले इन्होंने लाइट विभाग में काम किया, इसके बाद टीवी प्रोडक्शन में भाग्य आजमाया। धीरे-धीरे यह अपने अनुभव के बल पर निर्देशक बने। आपको बता दें कि रामवृक्ष गौड़ ने कई सीरियल के प्रोडक्शन में बतौर सहायक निर्देशक काम किया था। यह लगातार अपनी कड़ी मेहनत से सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए और उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा, लेकिन कोरोना वायरस की महामारी के चलते आज यह अपने परिवार का पेट पालने के लिए ठेले पर घूम-घूम कर सब्जी बेचने पर मजबूर हो गए हैं।

डायरेक्टर रामवृक्ष गौड़ ने ऐसा बताया कि असल जिंदगी और रील लाइफ में बहुत अंतर है। यह अपने बच्चे को परीक्षा दिलाने गृह जनपद आजमगढ़ आए थे। तब तक कोरोना के कारण लॉक डाउन लग चुका था। फ्लाइट और ट्रेन सर्विस बंद हो गई, जिसकी वजह से रामवृक्ष अब मुंबई वापस नहीं जा पा रहे हैं। रामवृक्ष यशपाल शर्मा, मिलिंद गुणाजी, राजपाल यादव, सुनील शेट्टी रणदीप हुड्डा जैसे बड़े-बड़े कलाकारों के साथ फिल्म में बतौर सहायक निर्देशक कार्य कर चुके हैं, 22 वर्ष का इनको फिल्मों का अनुभव है।

रामवृक्ष जी ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन लग गया था, जिसके कारण सारा का सारा काम पूरी तरह से बंद हो गया था. इनके सामने आर्थिक समस्या खड़ी हो गई थी। आर्थिक तंगी से तंग आकर उन्होंने अपने पिता के कारोबार को अपनाने का फैसला किया। आजमगढ़ शहर के हरबंशपुर में डीएम आवास के पास यह सड़क के किनारे ठेले पर सब्जियां बेचने लगे। सब्जियां बेचकर यह अपने परिवार के खर्चे आसानी से चला रहे हैं। आपको बता दें कि रामवृक्ष गॉड बचपन में अपने पिता के साथ सब्जी के कारोबार में सहायता किया करते थे। इसी वजह से इनको यह काम काफी बेहतर लगा और यह इस काम से काफी संतुष्ट भी थे। इसी वजह से इन्होंने सब्जी बेचने का फैसला लिया।

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