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जब अचानक बंद हो गया था रतन टाटा के प्लेन का इंजन, शेयर किया चेयरमैन बनने तक का सफर

टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा देश के बड़े औद्योगिक घरानों में शुमार हैं। रतन टाटा की सफलता की कहानी पढ़कर हर किसी को प्रेरणा मिलती है। यह हर मुश्किल परिस्थिति का सामना करते हुए अपने जीवन में आगे बढ़े हैं। भले ही यह देश के सबसे अमीर बिजनेसमैन लोगों में शामिल हैं लेकिन इनकी सादगी लोगों को बेहद भाती है। यह अपनी सादगी के लिए मशहूर हैं। रतन टाटा ने अपने जीवन का एक खौफनाक किस्सा शेयर किया है। आपको बता दें कि एक शॉप फ्लोर से चेयरमैन की कुर्सी पर पहुंचने वाले रतन टाटा एक बार खौफनाक सफर में फंस गए थे। रतन टाटा का एक प्रमोशनल क्लिप 27 सितंबर को ऑन एयर हो रहा है। इस क्लिप में रतन टाटा ने बताया कि किस प्रकार से इनका विमान टूटने से बचा और यह किस प्रकार से वहां से सुरक्षित बाहर निकले।

जब रतन टाटा के प्लेन का इंजन अचानक हो गया था बंद

रतन टाटा ने अपने साथ हुई घटना की कहानी शेयर करते हुए बताया कि जब वह अपने तीन दोस्तों के साथ विमान सफर में थे तब उसी समय के दौरान अचानक से ही प्लेन का इंजन बंद हो गया था। रतन टाटा ने कहा कि जब मेरे साथ यह दुर्घटना हुई थी तब मेरी उम्र महज 17 वर्ष की थी, जो कि पायलट के लाइसेंस के लिए आवश्यक आयु थी। उस समय के दौरान इनके लिए यह संभव नहीं था कि वह खुद से प्लेन को किराए पर लें। इसी वजह से उन्होंने अपने दोस्तों को उड़ान भरने को लेकर बात की और उन्हें फ्लाइट में उड़ाने के लिए वॉलेंटियर किया।

रतन टाटा ने अपने तीनों दोस्तों को इकट्ठा किया और उड़ान भरने की तैयारी की, लेकिन जल्दी विमान के इंजन में कुछ खराबी हो गई। रतन टाटा ने इस घटना को याद करते हुए बताया कि पहले प्लेन बहुत तेज से हिला और इंजन बंद हो गया। रतन टाटा ने कहा कि वह इंजन के बिना थे और उन्हें इस बात का ध्यान देना चाहिए था कि वह नीचे कैसे आएंगे। उन्होंने बताया कि इस घटना की वजह से दहशत जैसा माहौल बन गया था। उनके मित्रों ने भी विमान से नीचे आने तक एक शब्द मुंह से नहीं निकाला था।

ऐसे बचें रतन टाटा

रतन टाटा इस मुश्किल से बाहर निकल कर बताते हैं कि विमान में इंजन खत्म होना यह कोई बड़ी बात नहीं है। ऐसा नहीं है कि प्लेन क्रैश हो जाएगा। उन्होंने बताया कि आप कितनी ऊंचाई पर हैं इस बात पर निर्भर करता है। अगर आप प्लेन उतारना चाहते हैं तो आपको उससे पहले जमीन देखनी होगी। आपको यह भी देखना होगा कि इंजन खत्म होने की स्थिति में आपके पास पर्याप्त समय है या नहीं? रतन टाटा उस समय के दौरान बिल्कुल शांत रहें और उन्होंने अपनी हिम्मत बनाई रखी।

चेयरमैन की कुर्सी तक पहुंचने का सफर

आपको बता दें कि शुरुआती दिनों में रतन टाटा लॉस एंजेलिस, अमेरिका में आर्किटेक्ट के ऑफिस में कार्य किया करते थे। इनकी दादी बीमार थीं, जिसकी वजह से इनको भारत आना पड़ा था। 4 से 5 वर्ष तक अपनी बीमार दादी की देखभाल करते रहे, उसके बाद यह वापस नहीं गए थे। इन्होंने टाटा मोटर्स में शॉप फ्लोर पर काम किया। जेआरडी टाटा जो टाटा ग्रुप के चेयरमैन और टाटा संस के शेयरहोल्डर थे, उन्होंने रतन टाटा से कहा था कि वह केवल बैठ नहीं सकते, उन्हें काम में शामिल होना पड़ेगा। तब रतन टाटा को लगा कि वहां रहना समय बर्बाद करना है क्योंकि कोई भी चीज ठीक प्रकार से नहीं थी। बाद में रतन टाटा ने अपना खुद का ट्रेनिंग प्रोग्राम बनाया और निर्माण के अलग स्तरों में मैट्रियल को देखा। रतन टाटा ने कहा कि यह उनके सबसे मूल्यवान 6 महीने थे। लंबे समय के पश्चात यह TELCO के चेयरमैन बन गए।

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