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महाराष्ट्र: भिवंडी में ईमारत गिरने से 43 से ज़्यादा लोगों की मौत, कंगना ने उद्धव से माँगा जवाब

महाराष्ट्र के भिवंडी में गिरी तीन मंजिला इमारत हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 40 हो गई है। जबकि अभी तक 25 लोगों को मलबे से सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है। अभी भी बचाव कार्य यहां किया जा रहा है। ये हादसा सोमवार 21 सितंबर को हुआ था। इस इमारत में करीब 40 फ्लैट बनें हुए थे और यहां पर 150 लोग रहा करते थे। ये इमारत अचानक से सोमवार तड़के तीन बजकर 40 मिनट पर ढह गई थी। जिस समय ये हादसा हुआ था, उस समय इस इमारत में रहने वाले लोग सो रहे थे। वहीं मंगलवार को इस इमारत के मलबे से सात और लोगों के शव निकाले गए थे। जबकि बुधवार को इस हादसे में मरने वालों की संख्या 39  पहुंच गई थी। जो कि आज 41 हो गई है। वहीं अभी भी कई लोगों के दबे होने की आशंका है और बचाव कार्य किया जा रहा है। हालांकि तेज बारिश होने के कारण बचाव कार्य में देरी हो रही है।

अधिकारियों को किया निलंबित

इमारत गिरने के बाद नगर निकाय के दो अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है। जबकि इमारत के मालिक के खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया गया है। एक जांच समिति का भी गठन किया गया है। जिसमें सहायक नगर नियोजक शामिल हैं। इस हादसे को लेकर नगर निकाय अधिकारी ने बताया कि इमारत के लोगों को कथित अनियमितताओं के लिए साल 2019 और इस साल फरवरी में नोटिस भेजे गए थे। लेकिन किसी ने फ्लैट को खाली नहीं किया। क्योंकि यहां पर कम किराया लोगों को देना पड़ रहा था। भिवंडी के पुलिस उपायुक्त राजकुमार शिंदे ने बताया कि इमारत गिरने के बाद नगर निकाय के अधिकारियों की शिकायत पर इमारत के मालिक सैयद अहमद जिलानी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

कंगना ने उठाए ठाकरे सरकार पर सवाल

महाराष्ट्र के भिवंडी में गिरी इस इमारत को लेकर अभिनेत्री कंगना ने राज्य की सरकार पर सवाल उठाए हैं। कंगना ने एक ट्वीट कर कहा कि उद्धव ठाकरे, संजय राउत #mybmc जब मेरा घर ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से तोड़ रहे थे। उस वक्त उतना ध्यान इस बिल्डिंग पे दिया होता। तो आज लगभग पचास लोग जीवित होते, इतने जवान तो पुलवामा में पाकिस्तान में नहीं मरवाए, जितने मासूमों को आपकी लापरवाही मार गई, भगवान जानें क्या होगा मुंबई का।

दरअसल ये इमारत काफी कमजोर हो चुकी थी। जिसके कारण यहां पर रहने वाले लोगों को इसे खाली करने को कहा गया था। लेकिन लोगों ने इस इमारत को खाली नहीं किया। लोगों द्वारा इमारत खाली ना किए जाने पर BMC चुपचाप ही रही और ये इमारत गिर गई। BMC और सरकार की इसी लापरवाही पर कंगना ने सवाल खड़े किए हैं। क्योंकि BMC ने कंगना के ऑफिस को तोड़ने में जरा सी भी देरी नहीं दिखाई थी और महज 24 घंटे में कंगना के दफ्तर को तोड़ दिया था।

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