अध्यात्म

18 सितंबर से शुरू हो गया है पुरुषोत्तम मॉस, इन मंत्रों का जाप से पूरी हो जाएगी हर इच्छा पूरी

अधिकमास शुरू हो गया है और इस मास को शास्त्रों में बेहद ही खास माना गया है। कहा जाता है कि जो लोग इस मास के दौरान पूजा करते हैं। उन लोगों को पुण्य की प्राप्ति होती है और उनकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है। इसलिए आप अधिकमास (पुरुषोत्तम मास) के दौरान पूजा-पाठ जरूरी किया करें और व्रत भी रखें।

कब से शुरू हो रहा है अधिकमास

अधिकमास 18 सितंबर 2020 से शुरू हो गया है। जो कि 16 अक्टूबर 2020 तक रहेगा। इस मास को मलमास, खरमास और पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जाना जाता है। मलमास में भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार अधिकमास में किए गए धार्मिक कार्यों का फल 10 गुना अधिक मिलता है।

इस तरह से करें पूजा

  • अधिकमास में आप रोज सुबह उठकर पूजा पाठ किया करें।
  • सुबह उठकर घर की सफाई करें और उसके बाद स्नान करें।
  • नहाने के बाद पूजा घर की सफाई भी करें और भगवान की मूर्तियों को गंगा जल से साफ करें। ये करने के बाद आप मंदिर में एक चौकी की स्थापना कर दें।
  • इस चौकी पर आप पीले रंग का वस्त्र बिछा दें। क्योंकि ये रंग भगवान विष्णु जी जुड़ा होता है।
  • चौकी को फूलों से सजाएं और इस पर भगवान विष्णु जी की मूर्ति या फोटो स्थापित कर दें। अब एक घी का दीपक जला दें।
  • पूजा करते समय सबसे पहले संकल्प धारण करें और उसके बाद ही पूजा शुरू करें।
  • संकल्प लेने के लिए हाथ में पानी और एक फूल लें। ये पूजा किस लिए कर रहे हैं यानी अपनी मनोकामना मन में बोलें और जल को जमीन पर छोड़ दें।
  • भगवान विष्णु को फूलों की माला चढ़ा दें। उसके बाद उन्हें फल और भोग अर्पित करें।
  • भगवान विष्णु के लिए बनाए गए भोग में तुलसी का पत्ता भी जरूर डालें।
  • पूजा करते समय भगवान विष्णु जी की कथा पढ़ें और नीचे बताए गए मंत्रो का जाप भी जरूर करें।
  • पूजा पूरी होने के बाद भगवान विष्णु जी की आरती करें।
  • इसी प्रक्रिया से आप अधिकमास के दौरान रोज पूजा करें। वहीं जब ये मास खत्म हो जाए तो गरीबों को भोजन भी खिलाएं। अगर आप व्रत रखना चाहते हैं तो अधिकमास के हर गुरुवार को व्रत रख सकते हैं।

करें इन मंत्रों का जाप

1.शांता कारम भुजङ्ग शयनम पद्म नाभं सुरेशम।
विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम।
लक्ष्मीकान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म।
वन्दे विष्णुम भवभयहरं सर्व लोकैकनाथम।।

2. गोवर्धनधरं वन्दे गोपालं गोपरूपिणम्।
गोकुलोत्सवमीशानं गोविन्दं गोपिकाप्रियम्।।

3. ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात्.

4. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय.

5. श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।

6. ॐ हूं विष्णवे नम: ॐ विष्णवे नम:

पूजा करने से क्या मिलेगा लाभ

इस मास के दौरान रोज पूजा करने से हर वो चीज मिल जाएगी। जिसकी आप कामना रखते हैं। इतना ही नहीं अगर आपकी शादी नहीं हो रही है, तो वो भी तुरंत हो जाएगी। इसी तरह से करियर में भी तरक्की होगी।

रखें इन बातों का ध्यान

  • अधिकमास के दौरान घर में लहसुन व प्याज का प्रयोग ना करें।
  • हो सके तो चावल का सेवन भी ना करें।
  • केवल जमीन पर बैठकर ही भोजन खाएं।
  • पीपल के पेड़ की पूजा भी जरूर करें और पेड़ पर जल अर्पित करें। क्योंकि इस पेड़ पर विष्णु जी का वास माना गया है।
  • शराब का सेवन करने से बचें।

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