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दिल्ली के 6 गज के मकान में रहने वाले परिवार की ‘लॉकडाउन स्टोरी’, सिंगल बेड पर काटे अपने दिन

राजधानी दिल्ली के बुराड़ी में महज छह गज में बना तीन मंजिला मकान एक बार फिर से चर्चा में आ गया है। इस बार ये घर कोरोना के कारण सुर्खियों में आया है। दरअसल इस घर में रहने वाले लोगों को सोशल डिस्‍टेंसिंग पालन करने में बेहद ही दिक्कत हो रही है। इस घर में चार लोग रहते हैं, जो कि एक ही कमरे में पूरा दिन बताया करते हैं। लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में इन लोगों को कोई परेशानी नहीं हुई। लेकिन जैसे ही लॉकडाउन को बढ़ाया गया इनके लिए छह गज में रहना मुश्किल हो गया और इस परिवार ने गांव जाने पर विचार करना शुरू कर दिया। लेकिन उस समय ट्रेन और बसें बंद होने के कारण ये गांव भी ना जा सके और इनके पास घर के अंदर रहने का ही विकल्प बचा।

बेरोजगार हुए पति

लॉकडाउन लगने से पहले ही इस घर के मुख्य संजय की नौकरी चली गई। जिसके बाद इन लोगों को गुजारा करने में मुश्किल होने लगा। संजय की पत्नी पिंकी बताती हैं कि 24 मार्च को देश में लॉकडाउन लगा था और 21 मार्च को ही मेरे पति की नौकरी चले गई थी। इस घर में मैं, मेरे पति और दो बच्चे रहते हैं। बड़ा बेटा 19 साल का है और छोटा 11 साल का।

लॉकडाउन लगने के बाद दोनों बेटे घर से बाहर नहीं जा पाते थे और इतने छोटे घर में पूरे दिन रहना मुश्किल था। लेकिन बीमारी के कारण इसी छह गज के बैडरूम में रहना पड़ता था। बच्चों की पढ़ाई घर से ही होती थी और ये सिंगल बैड वाले कमरे में बैठकर ही ऑनलाइन क्‍लास लेते थे। उसी कमरे के कोने में मैं और मेरे पति बैठा करते थे।

लॉकडाउन के समय दिल्ली में गर्मी का मौसम था और इस दौरान घर बेहद ही गर्म हो जाता था। पिंकी ने बताया कि कमरे में सिर्फ एक पंखा है और घर से हम बाहर नहीं जा पाते थे। इतने पैसे नहीं थे कि हम कूलर ले सकें। अप्रैल आते ही गर्मी बढ़ गई जिससे की बेहद ही परेशानी हुई। मई-जून में एक कमरे के अंदर रहने से घुटन होने लग गई। इसी तरह से सारी गर्मी एक कमरे के अंदर काटनी पड़ी।

पिंकी ने आगे बताया कि लॉकडाउन में सभी के घर में रहने के कारण उनका पूरा दिन रसोई में ही लग जाता था। रसोई घर ऊपर है इसलिए बार-बार ऊपर नीचे जाना पड़ता था। सामान लेना है तो दो मंजिल नीचे उतरो। बच्‍चे भी इससे काफी परेशान हुए थे।

लॉकडाउन से पहले पिंकी के पति काम पर जाया करते थे। जबकि बच्चे स्कूल में होते थे। ऐसे में इतनी परेशानी नहीं होती थी। लेकिन लॉकडाउन लगने के बाद सब पूरे दिन एक ही कमरे में रहते थे।

इस घर के लिए ये लोग हर महीने 3500 रुपये किराए में देती है। वहीं लॉकडाउन के समय इस घर के मकान मालिक ने किराया भी माफ नहीं किया और इन्हें हर महीने का पूरा किराया देना पड़ा।

वहीं इस घर में सोशल डिस्‍टेंसिंग बनाए रखने पर पिंकी ने कहा कि इतने छोटे से घर में  सोशल डिस्‍टेंसिंग का पालन कैसे हो सकता है। लोग हम से ये पूछकर हसंते थे कि कैसे हम लोग घर में सोशल डिस्‍टेंसिंग का पालन करते हैं।

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