अध्यात्म

घर को सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है पूजा घर, इसका रखें खासा ध्यान, ना करें ये 14 गलतियां

जब भी हम घर बनाते हैं तो उसमें पूजा स्थल जरूर होता है। पूजा स्थल को घर का सबसे पवित्र हिस्सा माना जाता है और ये घर में सकारात्मक ऊर्जा भर देता है। इसलिए आप जब भी घर बनाएं तो उसमें पूजा स्थल जरूर रखें। वहीं जिन लोगों के घर में पूजा स्थल पहले से मौजूद हैं, वो नीचे बताई गई बातों का पालन जरूर करें। क्योंकि पूजा घर की सफाई ना करने से और गलत तरह के सामान स्थल पर रखने से सुख समृद्धि पर असर पड़ता है और पूजा सफल नहीं हो पाती है। शास्त्रों में पूजा स्थल से जुड़े कुछ नियमों का उल्लेख किया गया है और ये नियम इस प्रकार से हैं।

पूजा घर से जुड़े नियम –

1. घर पर बनें पूजा स्थल पर अधिक देवी-देवताओं की मूर्तियां और तस्वीरें ना रखें। पूजा स्थल पर हमेशा कम ही मूर्ति रखनी चाहिए।

2. अगर आप मूर्तियों को वस्त्र पहनाते हैं, तो उन्हें रोज बदला करें और भगवान को साफ वस्त्र ही धारण करवाएं।

3. पूजा घर के अलावा कहीं ओर भगवान की मूर्ति ना रखें। दरअसल कुछ लोग अपने रुम में भगवान की तस्वीर लगा देते हैं, जो कि सही नहीं होता है। शास्त्रों में साफ तौर से कहा गया है कि भगवान की मूर्तियों को केवल पूजा घर में ही रखना चाहिए और शयनकक्ष में पूजा स्थल नहीं होना चाहिए। शयनकक्ष में पूजा स्थल होने से घर में लड़ाई का माहौल बना रहता है

4. घर में ज्यादा बड़ा मंदिर ना बनवाएं और मंदिर के आसपास वाली जगह की सफाई भी रखा करें।

5. पूजा घर में कभी भी ताला ना लगाएं। अगर आप घर से बाहर जाते हैं, तो पूजा घर को पर्दे या कपड़े से ही ढक्कर जाएं। पूजा घर में ताला लगाना सही नहीं माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार पूजा घर में ताला लगाने का अर्थ भगवान को कैद करना होता है।

6. पूजा घर में केवल पूजा का ही सामान रखें। कई लोग अन्य तरह के सामान भी पूजा घर में रख देते हैं, जो कि सही नहीं होता है और ऐसा करने से घर में वास्तु दोष पैदा हो जाता है। पूजा घर में हो सके तो हमेशा कम ही सामान रखा करें। इसके अलावा कभी भी पुराने हो चुके फूल, माला, अगरबत्तियां पूजा घर में जमा करके ना रखें।

7. पूजा घर कभी भी सीढ़ियों, शौचालय और स्नान गृह की दीवारों से सटा हुआ नहीं होना चाहिए।

8. रसोई घर के साथ भी पूजा घर नहीं होना चाहिए और ना ही रसोई घर के अंदर पूजा घर बना होना चाहिए।

9. भगवान की मूर्तियां एकदम साफ होनी चाहिए। अगर कोई मूर्ति टूट जाती है तो उसे तुरंत बदल लें।

10. पूजा स्थल की सफाई करने से पहले जल का छिड़काव करें और उसके बाद ही पूजा स्थल पर झाड़ू या पौछा लगाएं। हो सके तो पूजा घर के लिए अलग से ही झाड़ू और पौछा रखें।

11. पूजा के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले बर्तनों का प्रयोग किसी और चीज के लिए ना करें। पूजा के बर्तन हमेशा अलग से ही रखें और रोज इन्हें साफ किया करें।

12. पूजा घर में लाल या पीले रंग के कपड़े को ही बिछाया करें। कभी भी काले रंग के कपड़े का प्रयोग मूर्तियों के वस्त्र या आसन बनाने के लिए ना करें।

13. भगवान की मूर्ति को नीचे ना रखें और कभी भी पूजा घर में एक मूर्ति भी ना रखें। पूजा घर में तीन या पांच मूर्ति रखना उत्तम माना जाता है।

14. मूर्तियों की रोज सफाई किया करें।

15. मूर्तियों को गंगा जल से साफ किया करें और उसके बाद ही अपनी पूजा शुरू करें।

ऊपर बताई गई बातों का पालन आप जरूर करें। ताकि आपकी पूजा सफल रहे और भगवान आपसे प्रसन्न रहें।

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