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पति अपनी पत्नी को मायके वालों से मिलने न दे तो लगती है IPC की धारा 365, मिल सकती है यह सजा

जब लड़की की शादी की जाती है तो कई बार दिक्कतें भी आती हैं। रिश्ता तय करने में हमसे चूक हो जाती है और फिर लड़की को एक गलत लड़के या ससुराल वालों के साथ अपनी जिंदगी गुजारनी पड़ती है। जब माता पिता को यह पता चल जाता है कि उनकी बिटिया रानी अपने ससुराल में खुश नहीं है तो वे उसे लेने पहुंच जाते हैं। ऐसे में यदि लड़की के ससुराल वाले लड़की को अपने मायके वाले से न मिलने दे, या उसे किसी जगह छिपा दें तो ससुरालवालों के खिलाफ केस दर्ज किया जा सकता है।

कौन सी धारा लगेगी?

लड़की को उसके पति या ससुरालवालों द्वारा माता पिता से न मिलने देने की कई वजहें हो सकती है। तो क्या इस स्थिति में लड़के के माता पिता बेटी के ससुराल वालों पर केस कर उन्हें सजा दिलवा सकते हैं? इसका जवाब है हां। ऐसा भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 365 के तहत किया जा सकता है। इस धारा के तहत यदि कोई व्यक्ति किसी का बलपूर्वक अपहरण या व्यपहरण करता है और उसे बाद में किसी गुप्त स्थान पर छिपा देता है तो यह जुर्म धारा 365 के अंतर्गत आता है। मतलब उस व्यक्ति के ऊपर यह धारा लगाकर कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।

क्या सजा मिलेगी?

इस अपराध के तहत दोषी व्यक्ति को 7 साल तक की सजा एवं जुर्माना का दंड मिल सकता है। इस धारा के अपराध किसी भी तरह से समझौता योग्य नहीं माने जाते हैं। इसे एक संज्ञेय एवं अजमानतीय अपराध की श्रेणी में रखा गया है। इस केस की सुनवाई सिर्फ प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट ही कर सकता है।

उदाहरण से समझे

चलिए इस केस को एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं। रमेश की पत्नी अपने पति से तंग आकर मायके रहने आ गई थी। फिर रमेश बीवी के मायके गया और बलपूर्वक उसे वहां से ले गया। इसके बाद रमेश ने अपनी पत्नी को किसी अज्ञात स्थान छिपा दिया और किसी से भी मिलने नहीं दिया। इस स्थिति में रमेश 365 के अधीन दोषी होगा।

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