बच्चों पर हाथ उठाने वाले पेरेंट्स बाद में बहुत पछताते हैं, होते हैं ये 6 बड़े नुकसान
बच्चे अक्सर गलती करते हैं। ऐसे में उन्हें प्यार से भी समझाया जा सकता है। हालांकि कुछ पेरेंट्स बच्चो को समझाने के लिए मारपीट वाला रास्ता चुनते हैं। अब ऐसा नहीं है कि पेरेंट्स को बच्चों से प्यार नहीं होता है। बस कुछ अपने गुस्से पर कंट्रोल नहीं रख पाते हैं और आए दिन बच्चों को मारते रहते हैं। लेकिन क्या आप ने कभी सोचा है कि इसका आपके बच्चों पर मानसिक रूप से क्या असर पड़ेगा? आइए जानते हैं।
बच्चा भी हो जाता है हिंसक
यदि आप बच्चों के साथ ज्यादा मारपीट करते हैं तो वो भी यह सब सीख जाता है। फिर भविष्य में उसके नेचर में भी हिंसा झलकने लगती है। याद रहे बच्चे हर बात अपने माता पिता को देख देख के ही सीखते हैं।
मानसिक रूप से दुखी
ज्यादा मार खाने वाले बच्चे की मानसिक स्थिति ठीक नहीं रहती है। वो अंदर से टूट सा जाता है। उसे ऐसा भी लगता है कि सारी बुराई उसी में है। वो एक अच्छा इंसान नहीं है। ऐसे में बड़ा होकर वो खुद की इज्जत भी नहीं कर पाता है।
कम आत्मविश्वास
ज्यादा पिटाई करने से बच्चे के आत्मविश्वास में भी कमी आ जाती है। ये मार उसके दिल पर गहरी छाप छोड़ देती है। वो डरा डरा सा रहने लगता है।
विद्रोही बनना
कई बार ये भी देखा जाता है कि बच्चा मार खा खा के थक जाता है। उसके सब्र का बांध टूट जाता है। ऐसे में उसके नेचर में विद्रोह की भावना आ जाती है। फिर वो जानबूझ कर और भी गलतियां करने लगता है।
ज्यादा गुस्सा आना
जिन बच्चों को ज्यादा मार पड़ती है, वे आगे चलकर ज्यादा गुस्सा भी करते हैं। उनकी बचपन में छोटी छोटी बात पर पिटाई हुई होती है। इसलिए बड़े होने पर भी वे जरा जरा सी बात पर गुस्सा करने लगते हैं।
माता पिता से नफरत
जब पेरेंट्स बच्चे की अधिक पिटाई करते हैं तो उसके मन में माता पिता को लेकर नफरत पैदा हो जाती है। उसे लगता है कि मम्मी पापा मुझ से प्यार नहीं करते, इसलिए मुझे मारते रहते हैं। बड़ा होने पर फिर वो भी अपने माता पिता से प्यार नहीं करता और उनका ठीक से ख्याल भी नहीं रखता।
बस यही कुछ वजहें हैं जिनके चलते आपको अपने बच्चों से मारपीट करने से बचना चाहिए। खासकर हर छोटी छोटी बातों पर उन्हें नहीं मारना चाहिए। प्यार से समझना एक बेहतर विकल्प होता है।