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अनुच्छेद 370 हटाए जाने से दुखी हैं फारुख और उमर अब्दुल्ला, कहा-कानूनी रुप से लड़ेंगे लड़ाई

नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के नेता फारूख अब्दुला और उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने पर अब कानूनी लड़ाई लड़ने की बात कही है। फारूख अब्दुला की ओर से आए बयान में इन्होंने कहा है कि वो शांतिपूर्ण तरीक से ये लड़ाई लड़ेंगे। हिंदुस्तान टाइम्स को इंटरव्यू देते हुए जम्मू-कश्मीर के इन दोनों नेताओं ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हुआ संवैधानिक परिवर्तन सही नहीं है। केंद्र के साथ बातचीत के लिए कोई दरवाजा नहीं खुला हुआ है।

कश्मीर की सड़कों पर होने वाली पत्थरबाजी के बारे में फारूख अब्दुल्ला ने कहा, अगर आप सही सच्चाई जानना चाहते हैं, तो वे भारत का हिस्सा नहीं हैं। ये ईश्वर का सत्य है। कश्मीरी अब खुद को भारत का हिस्सा नहीं मान रहे। आप यहां लोगों से पूछेंगे तो वे पाकिस्तान का हिस्सा भी नहीं बनना चाहते। लेकिन अब जो केंद्र सरकार ने किया उसके बाद वे भारत का हिस्सा भी नहीं रहना चाहते है। धारा 370 के बारे में फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि ये धारा अलगाववाद को प्रेरित करने के लिए नहीं थी। पिछले साल 5 अगस्त से पहले अब अधिक अलगाववाद है। ये पाकिस्तानियों का नहीं है जो आज मर रहे हैं। ये कश्मीरियों का है। उग्रवादियों को किसने बनाया है? फारूख अब्दुल्ला नहीं। मैं जेल में था। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने बनाया।

बढ़ाना चाहते हैं हिंदू जनसंख्या

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि बीजेपी चाहती है कि जम्मू कश्मीर में हिंदू जनसंख्या बढ़े और मुस्लिम जनसंख्या कम हो जाए। धारा 370  को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई हमारी याचिका मजबूत बिंदु पर टिकी हुई है।

गौरतलब है कि पिछले साल केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से स्पेशल स्टेटस वापस ले लिया था और इस राज्य से आर्टिकल 370 और आर्टिकल 35A को खत्म कर दिया था। साथ में ही इस राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था। जम्मू कश्मीर से स्पेशल स्टेटस वापस लिए जाने पर यहां की स्थानीय पार्टियां खुश नहीं है।

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