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आज से पहले कभी नहीं देखा होगा बहते झरने में तिरंगा, Video देख आप भी कहोगे- वाह! बहुत खूबसूरत

प्राकृतिक नजारें देखना हर किसी को बेहद पसंद है। खासकर जब आप प्रकृति की गोद में बहते हुए झरने (Running Waterfall) को देखते हैं तो दिमाग को बहुत शांत मिलती है। दुनियाभर में आप ने कई अलग अलग झरने देखे होंगे। ‘रिवर्स झरने’ (reverse waterfall) के बारे में भी आप ने सुना होगा। लेकिन क्या आप ने कभी ‘तिरंगा झरना’ (tricolour waterfall) देखा है?

झरने में दिखा तिरंगा

दरअसल इन दिनों सोशल मीडिया पर ‘तिरंगे झरने’ का एक विडियो बड़ा ही वायरल हो रहा है। इस विडियो में झरना भारतीय झंडे के तीन रंगों वाले कलर में बहता हुआ दिखाई दे रहा। सोशल मीडिया पर इस विडियो को @samyakspeaks नाम के एक ट्विटर यूजर ने साझा किया है। इस विडियो को शेयर करते हुए उन्होने कैप्शन में लिखा है ‘कितने सुंदर तरीके से इन्होने झरने में तिरंगा बनाया है। बहुत ही रचनात्मक।’

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लोगों ने की तारीफ

गौरतलब है कि 15 अगस्त को पूरा देश अपना 74वां स्वतंत्रता दिवस (74th Independence Day) मना रहा था। उसी मौके पर यह अद्भुत नज़ारा क्रिएट किया गया था। ऐसे में इस घटना का विडियो भी अब सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हो रहा है। अधिकतर यूजर्स ने विडियो देखने के बाद अच्छे और पॉज़िटिव रिएक्शन दिए हैं।

देशभक्ति के नाम पर प्रदूषण?

झरने में बहता हुआ यह तिरंगा देखने में यकीनन बहुत ही खूबसूरत लग रहा है। लेकिन कुछ लोग इस बात से नाराज़ हैं कि इसे बनाने में केमिकल युक्त रंगों का इस्तेमाल किया गया है जिसकी वजह से नदी प्रदूषित हो रही है। इस विडियो को बॉलीवुड के मशहूर फोटोग्राफर विराल भयानी (Viral Bhayani) ने भी पोस्ट किया है। उन्होने बताया कि ये नज़ारा जोधपुर का है जहां इस तिरंगे को बनाने के लिए ट्राईकलर पंप पाईप का इस्तेमाला हुआ है। बता दें कि इसके पहले कनाडा की नाइग्रा फ़ॉल्स (Niagara Falls) में भी इसी तरह का तिरंगा क्रिएट किया गया था। लेकिन वहां लेजर लाइट्स का इस्तेमाल हुआ था जो कि नदी के लिए हानिकारक नहीं है। लेकिन इस जोधपुर वाले विडियो में केमिकल युक्त कलर्स का उपयोग किया गया है। इसलिए एक तरह से ये नदी प्रदूषण हुआ जो कि एक अपराध की श्रेणी में भी आता है। चलिए अब देखते हैं कि इस बात से नाराज़ लोगों से कैसे कैसे रिएक्शन दिए।

विडियो पर अधिकतर लोग इसी बात से नाराज़ होते दिखे कि लोगों ने देशभक्ति दिखने के चक्कर में नदी को केमिकल वाले कलर्स से बर्बाद कर दिया। लोगों को यह बात समझना होगी कि यह प्रकृति हमारे लिए कितनी महत्वपूर्ण है। झरने में तिरंगा दिखने का सही तरीका लाइट्स की टेक्नोलॉजी इस्तेमाल करना है। जैसा कि कनाडा की नाइग्रा फ़ॉल्स में किया गया था।

वैसे इस पूरे मामले पर आपकी क्या राय है? क्या देशभक्ति के नाम पर नदी को प्रदूषित करना सही है?

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