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बॉलीवुड में तो चले नहीं, लेकिन बांग्लादेशी सिनेमा के ‘शाहरुख’ जरूर बन गए चंकी पांडे, जानिए कैसे

बॉलीवुड में अभिनेता चंकी पांडे का करियर बहुत ही उतार-चढ़ाव से भरा हुआ रहा है। बॉलीवुड में उन्हें प्रवेश गोविंदा के कारण मिल तो गया था, लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया था जब गोविंदा के कारण ही बॉलीवुड में उनके करियर पर ब्रेक लग गया था। चंकी पांडे ने गोविंदा के साथ हिट फिल्म दी, मगर इसके बावजूद उन्हें फिल्में नहीं मिल रही थीं। चंकी पांडे का दरअसल असली नाम सुयश पांडे है। फिर भी प्यार से उन्हें घर वाले हमेशा चंकी ही बुलाते थे। फिल्मों में भी उन्होंने अपने इसी नाम को जारी रखा। पहली फिल्म चंकी पांडे को गोविंदा की वजह से ही मिली थी।

पहलाज निहलानी की फिल्में

फिल्म निर्माता पहलाज निहलानी उस वक्त अपनी ज्यादातर फिल्में गोविंदा के साथ बनाते थे। वे आग ही आग नाम से तब एक फिल्म बना रहे थे। गोविंदा को उन्होंने अपनी इस फिल्म में ले भी लिया था। उस वक्त गोविंदा के साथ एक पैकेज के रूप में उनके भाई कीर्ति कुमार भी काम करते थे। ऐसे में उन्होंने खुद के लिए भी एक छोटा रोल पहलाज से मांग लिया था।

जब पहलाज ने यह भूमिका देने में असमर्थता जताई तो गोविंदा ने इस फिल्म को छोड़ दिया था। इसके बाद इस फिल्म में गोविंदा की जगह चंकी पांडे को पहलाज निहलानी ने साइन कर लिया था। फिल्म आग ही आग में अब गोविंदा वाली भूमिका चंकी पांडे ने निभाई। उन्हें धर्मेंद्र और शत्रुघ्न सिन्हा जैसे सुपरस्टार के साथ काम करने का अवसर मिल गया। इससे चंकी पांडे को अच्छी-खासी पहचान मिल गई। इसके बाद उन्हें फिल्म तेजाब में भी अनिल कपूर के साथ देखा गया। इस तरह से चंकी पांडे का करियर अब दौड़ने लगा था। एक साथ चंकी पांडे ने तब 20 फिल्मों को साइन कर लिया था।

कर दी ये बड़ी गलती

पैसा कमाने की धुन में चंकी पांडे ने इतनी सारी फिल्में साइन तो कर लीं, लेकिन उनकी यह एक बड़ी गलती भी साबित हुई। इनमें से केवल कुछ ही फिल्में हिट हो पाईं, जबकि बाकी फिल्में फ्लॉप हो गईं। कुछ फिल्में तो बन ही नहीं पाईं। खतरों के खिलाड़ी और घर का चिराग जैसी फिल्मों में चंकी पांडे ने काम किया। फिल्म विश्वात्मा में भी वे नजर आए थे। उनकी यह फिल्म हिट हुई थी। गोविंदा के साथ फिल्म आंखें में चंकी पांडे दिखे, मगर इस फिल्म की कामयाबी का पूरा श्रेय गोविंदा को मिल गया था।

90 के दशक की सबसे बड़ी फिल्मों में आंखें की गिनती होती है। इसके बावजूद चंकी पांडे को इसके बाद फिल्में नहीं मिल रही थीं। चंकी पांडे को कुछ फिल्मों में रोल तो मिला, लेकिन वे केवल सपोर्टिंग भूमिकाओं में नजर आए। चंकी पांडे ने प्रॉपर्टी में भी अपने कुछ पैसे निवेश कर दिए थे। जब उन्होंने देखा कि बॉलीवुड में अब उनका करियर नहीं चलने वाला, तो एक दोस्त ने उन्हें बांग्लादेशी फिल्मों में किस्मत आजमाने की सलाह दे दी।

बांग्लादेशी सिनेमा में

चंकी पांडे ने जब देखा कि अब और कोई विकल्प नहीं रह गया है तो बांग्लादेशी सिनेमा का उन्होंने रुख कर लिया। चंकी पांडे की फिल्मों को वहां खूब पसंद किया जाने लगा। एक के बाद एक चंकी पांडे ने यहां 6 से 7 फिल्मों में काम कर लिया। इसके बाद तो बांग्लादेशी सिनेमा में चंकी पांडे की पहचान ठीक वैसी ही हो गई, जैसे कि बॉलीवुड में अमिताभ बच्चन और शाहरुख खान की है।

वर्ष 2003 में एक बार फिर से बॉलीवुड में चंकी पांडे ने वापसी की। उन्हें ऐलान और कयामत जैसी फिल्मों में देखा गया, जिन्होंने कि बॉक्स ऑफिस पर औसत प्रदर्शन किया था। चंकी पांडे ने काफी संघर्ष किया। आखिरकार उनकी वापसी धमाकेदार हुई। साजिद नाडियाडवाला के निर्देशन में बनी फिल्म हाउसफुल में उन्होंने आखिरी पास्ता का किरदार निभाया, जो कि बहुत पसंद किया गया। इस फिल्म में चंकी पांडे के अलावा अक्षय कुमार, दीपिका पादुकोण, रितेश देशमुख और लारा दत्ता को भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में देखा गया।

बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म रिकॉर्डतोड़ कमाई करने में कामयाब हो गई। पास्ता का किरदार सुपरहिट हो गया। हाउसफुल की फ्रेंचाइजी में भी चंकी पांडे को इसी किरदार को निभाते हुए देखा गया। चंकी पांडे ने बताया भी था कि एक बार वे डिप्रेशन में जा रहे थे, लेकिन उन्होंने अपने आप को बचा लिया था। छोटी-मोटी भूमिकाएं उन्होंने लेनी शुरू कर दी थी। उन्होंने अपनी खुद की एक मैनेजमेंट कंपनी भी शुरू की थी और एक रेस्टोरेंट भी अपने आप को व्यस्त रखने के लिए चलाया था। चंकी पांडे की बेटी अनन्या पांडे भी अब बॉलीवुड में डेब्यू कर चुकी हैं। फिल्म स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2 और पति पत्नी वो में उनकी भूमिका को खूब सराहा गया था।

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