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SSR Case: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री को डिनो मोरिया की खरी-खरी, कहा – ‘मेरा नाम बीच में..

बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या को अब 50 दिनों से अधिक का वक्त बीत चुका है. अब भी सुशांत के प्रशंसकों को यकीन नहीं हो रहा है कि सुशांत दुनिया छोड़ गए हैं. उनकी आत्महत्या के मामले की जांच इस वक्त बड़ी सुर्खियां बटोर रही हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुशांत की मौत की सीबीआई जांच के लिए सिफारिश भी कर दी है.

आत्महत्या के मामले की जांच को लेकर इस वक्त बिहार पुलिस और मुंबई पुलिस आमने-सामने हो गई है. बिहार पुलिस के अधिकारी मुंबई जांच करने के लिए पहुंचे हुए हैं, लेकिन किसी न किसी बहाने से मुंबई पुलिस जांच में रोड़ा डालने की कोशिश करती हुई नजर आ रही है. इसी बीच बीजेपी के नेता नारायण राणे ने सुशांत की मौत को हत्या करार दे दिया है. नारायण राणे ने एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाई, जिसमें उन्होंने कहा कि अभिनेता ने आत्महत्या नहीं की है, बल्कि उनकी हत्या हुई है.

13 जून को हुई थी पार्टी

इस दौरान नारायण राणे ने अभिनेता डीनो मोरिया का भी नाम लिया. उनके मुताबिक 13 जून को अभिनेता डीनो मोरिया के घर पार्टी हुई थी और 14 को सुशांत ने आत्महत्या कर ली थी, ऐसे में डीनो से भी पूछताछ होनी चाहिए. नारायाण राणे ने अपने बयान में कहा कि 13 जून को डीनो मोरिया के घर पार्टी हुई थी, जिसमें कुछ नामचीन पॉलिटिशियन पहुंचे थे और बाद में ये लोग सुशांत के घर गए थे.

डीनो ने दी सफाई

नारायण राणे के बयान पर अभिनेता डीनो मोरिया ने अपनी सफाई दी है. डीनो मोरिया ने कहा है कि 13 जून को उनके घर कोई पार्टी नहीं हुई थी. उन्होंने अपने स्टेटमेंट में कहा कि, “मेरे घर पर 13 जून के दिन कोई पार्टी नहीं हुई थी. ऐसे आरोप लगाने से पहले तथ्यों की जांच कर लेनी चाहिए. मेरा नाम इस मामले में बिना वजह न घसीटा जाए”. वहीं, नारायण राणे ने सुशांत की मौत के साथ-साथ उनकी पूर्व मैनेजर रह चुकीं दिशा सालियान की मृत्यु पर भी आशंका जताई है.

प्रेस कांफ्रेंस में कही ये बातें

राणे ने अपने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि, “दिशा सालियान का पहले रेप हुआ और उसके बाद उसकी हत्या की गई”. उन्होंने बताया कि दिशा सालियान की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद उन्हें इस बात की जानकारी मिली. इतना ही नहीं, नारायण राणे ने मुंबई पुलिस पर भी आरोप लगाये. उन्होंने मुंबई पुलिस की जांच पर सवाल खड़े करते हुए कहा, “मुंबई पुलिस की साख महाराष्ट्र सरकार के कारण खराब हो रही है. वो किसी के दवाब में काम कर रही है और किसी को बचाने की प्रयास किया जा रहा है”.

गौरतलब है कि सुशांत आत्महत्या केस की जांच करने पहुंचे पटना के एसपी विनय तिवारी को बीएमसी ने जबरन क्वारंटाइन कर दिया था. हालांकि, बीते रविवार को उन्हें छोड़ दिया गया और गोरेगांव के एक गेस्ट हाउस में शिफ्ट किया गया. इस घटना पर बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने रोष जाहिर करते हुए एक फेसबुक पोस्ट किया था. इस घटना के बाद सुशांत की बहन ने भी एसपी को जबरन क्वारंटाइन करने पर अपनी नाराजगी जताई थी.

डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा था, “आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी आज वहां पुलिस टीम का नेतृत्व करने के लिए ऑफिशियल ड्यूटी पर पटना से मुंबई पहुंचे, लेकिन उन्हें आज रात 11 बजे बीएमसी अधिकारियों द्वारा जबरन क्वारंटाइन कर दिया गया. रिक्वेस्ट के बावजूद आईपीएस मेस में उन्हें गेस्ट हाउस उपलब्ध नहीं कराया गया था और वह गोरेगांव में एक गेस्ट हाउस में रह रहे हैं”.

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