अध्यात्म

भूलकर भी अपने भाई को न बांधें इस तरह की राखी, ऐसी राखी मानी जाती हैं बेहद ही अशुभ

श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। इस साल ये पूर्णिमा 3 अगस्त के दिन आ रही है। रक्षाबंधन के दिन हर बहन अपने भाई की लंबी आयु और उसकी सुख-समृद्धि की कामना करती है और भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं। राखी के पर्व को बेहद ही शुभ पर्व माना जाता है और इस पर्व को पूरे भारत में मनाया जाता है। हालांकि ऐसी कई बहनें होती हैं। जिन्हें इस पर्व को कैसे मनाया जाए और भाई को किस तरह से राखी बांधी जाए। इसके बारे में जानकारी नहीं होती है। जिसके कारण ये गलत विधि के तहत इस पर्व को मनाती हैं। गलत तरीके से राखी बांधने से शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती है। इसलिए आप राखी के दिन नीचे बताई गई बातों का ध्यान जरूर रखें और राखी खरीदते समय कोई गलतियां ना करें।

इस प्रकार की राखी को माना जाता है अशुभ

बाजार में कई तरह की राखी बेची जाती हैं। जो कि बेहद ही सुंदर होती है। लेकिन राखी खरीदते समय बेहद ही सावधानी बरतनी होती है। क्योंकि गलत तरह की राखी बांधने से अशुभ फल मिलता है। रक्षाबंधन के दिन किस तरह की राखी भाई को नहीं बांधनी चाहिए, उसकी जानकारी इस प्रकार से हैं।

  • भूलकर भी कभी खंडित राखी अपने भाई को ना बांधने। खंडित राखी का प्रयोग करना अशुभ माना गया है।
  • प्लास्टिक की राखियों का इस्तेमाल करने से बचें। क्योंकि ये धातु केतु ग्रह से नाता रखती है और अशुभ मानी जाती हैं।
  • राखी एकदम साफ होनी चाहिए। राखी पर किसी प्रकार की गंदगी नहीं चिपकी होनी चाहिए।
  • राखी का रंग सुंदर होना चाहिए। काले, नीले और इत्यादि इस प्रकार के रंगों की राखी ना खरीदें।
  • राखी पर कोई धारधार चीज या हथियार ना बना हो।
  • अगर राखी पर लोहे की धातु लगी हो तो उसे ना खरीदें।

इस तरह की राखी मानी जाती हैं शुभ

  • लाल, पीले और गुलाबी रंग की राखी को शुभ माना जाता है। इसलिए आप इन रंगों की राखी का ही प्रयोग करें।
  • केवल उन्हीं राखी को खरीदें जिसमें रेशम का धागा हो। अन्य धागों से बनी राखी को खरीदने से बचें।
  • हालांकि कलावे की या सूती की राखी का प्रयोग भी किया जा सकता है।
  • जिस राखी पर भगवान की चित्र बना होता है उसे भी शुभ माना जाता है

सही दिशा में बैठकर बांधे राखी

राखी को केवल शुभ मुहूर्त के दौरान ही बांधें और इसको बांधते समय अपने मुख की दिशा सही रखें। राखी बांधते समय भाई का पूर्व दिशा में बैठना शुभ होता है। जबकि बहन का मुंह पश्चिम दिशा में होना शुभ माना गया है। इसके अलावा राखी को बांधने से पहले इसे मंदिर में कुछ देर के लिए जरूर रखें और उसके बाद ही इसे बांधे।

जरूर करें इस मंत्र का जाप

भाई को तिलक और राखी बांधते समय बहन नीचे बताए गए मंत्र का जाप जरूर करें। ये मंत्र पढ़ने से को  विशेष फल की प्राप्ति होती है।

राखी का मंत्र –

‘येन बद्धो बलिराजा, दानवेन्द्रो महाबलः तेनत्वाम प्रति बद्धनामि रक्षे, माचल-माचलः’।

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