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मिसाल: ये हैं IAS आरती डोगरा, जिन्होंने किया साबित कि कद नहीं सपना बड़ा होना चाहिए

किसी भी चीज को पाने के लिए सच्ची लगन की जरूरत होती है। हौसला बड़ा होना चाहिए। हौसला यदि कुछ कर गुजरने का है तो इंसान बहुत ऊंची उड़ान इसके बलबूते भर सकता है। IAS अधिकारी आरती डोगरा, जिनकी तस्वीरें सोशल मीडिया में इन दिनों खूब वायरल हो रही हैं, वे इसकी जीती-जागती उदाहरण हैं। आरती डोगरा राजस्थान कैडर की आईएएस अधिकारी हैं। कोरोना संकट में जिस तरीके से वे अपने काम में जुटी हैं, उनकी हर ओर इसके लिए तारीफ हो रही है।

मूल रूप से आरती डोगरा उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की निवासी हैं। आरती के पिता कर्नल राजेन्द्र डोगरा भारतीय सेना में ऑफिसर हैं। वहीं उनकी मां कुमकुम एक सरकारी स्कूल में प्रधानाध्यापिका हैं।

लोग उड़ाते थे मजाक

आरती डोगरा के मुताबिक उनका कद बेहद छोटा होने की वजह से लोग उनका बहुत मजाक उड़ाया करते थे। ऐसे कठिन वक्त में उनके परिवार ने हमेशा उनका साथ निभाया। केवल पढ़ाई-लिखाई ही नहीं, बल्कि खेलकूद में भी आरती डोगरा काफी अच्छी रही हैं। यहां तक कि घुड़सवारी करनी भी उन्हें आती है।

दिल्ली के प्रतिष्ठित लेडी श्रीराम कॉलेज से आरती डोगरा ने अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन किया हुआ है। आरती छात्र राजनीति का भी हिस्सा रही हैं। छात्र संघ चुनाव में भी उन्हें जीत मिल चुकी है। प्रशासनिक सेवा का हिस्सा बनने के बारे में आरती डोगरा ने कभी भी नहीं सोचा था। फिर उन्हें एक आईएएस ऑफिसर से प्रेरणा मिली।

पहले ही प्रयास में कामयाबी

उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करनी शुरू कर दी। इसमें उन्हें सफलता भी मिल गई। वर्ष 2006 में उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में इंटरव्यू क्वालीफाई कर लिया था। आरती डोगरा वर्तमान में अजमेर की जिलाधिकारी हैं। इससे पहले वे राजस्थान के बीकानेर और बूंदी जिले में भी कलेक्टर के तौर पर सेवाएं दे चुकी हैं। उन्होंने इन जिलों में बंको बिकाणो नाम का एक अभियान शुरू किया था।

इस अभियान के तहत लोगों को खुले में शौच न जाने के लिए प्रेरित किया जा रहा था। गांव के कई घरों में इस अभियान के तहत पक्के शौचालयों का निर्माण कराया गया। इस अभियान की निगरानी खुद आरती डोगरा कर रही थीं। अभियान की खासियत यह रही कि सॉफ्टवेयर के जरिए इसकी मॉनिटरिंग आरती डोगरा करवा रही थीं। इस अभियान को 195 पंचायतों में कामयाबी मिली थी। आरती डोगरा का इसके लिए सम्मान भी किया गया था।

हर ओर सराहना

बतौर आईएएस ऑफिसर जब आरती डोगरा की नियुक्ति हुई थी तो उनका कद 3 फीट 6 इंच होने की वजह से देशभर में इसे लेकर चर्चा हुई थी। IAS की जिम्मेवारी संभालने के बाद आरती डोगरा की कार्यप्रणाली काबिलेतारीफ रही है। कई तरह के सरोकार के काम भी वे कर चुकी हैं। यहां तक कि पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम भी उनकी सराहना कर चुके हैं।

आरती डोगरा को अब तक कई राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल हो चुके हैं। आरती ने समाज में बदलाव के लिए कई मॉडल भी पेश किए हैं और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसकी सराहना कर चुके हैं। आरती डोगरा ने यह साबित करके दिखाया है कि आपके कद, आपके रंग और आपके रूप से आपकी पहचान नहीं होती, बल्कि आपकी पहचान आपकी काबिलियत, आपकी ईमानदारी और आपके विचारों से होती है। इन सबसे भी बढ़कर आपकी पहचान आपके प्रयत्नों से होती है।

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