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क्यों बिना शादी के मां बनने के लिए तैयार हो जाती हैं लड़कियां, नीना भी कर चुकी है यह कारनामा

बिना शादी के मां बनना आज भी समाज में पूरी तरह स्वीकार नहीं किया जाता है ऐसे में नीना गु्प्ता ने बहुत बड़ा फैसला लिया था

मां बनना एक औरत का सौभाग्य होता है और इसे भगवान का वरदान माना जाता है, लेकिन अगर औरत ने शादी नहीं की हो तो वही समाज उस औरत को खराब नजर से देखता है। समाज ने शादी जैसी बेड़ियों को महिलाओं के लिए इतना जरुरी बना दिया है जिसके बिना उसका कोई अस्तित्व ही नहीं माना जाता। आम समाज में एक औरत के लिए बिना शादी के मां बनने से बेहतर उसका मर जाना समझा जाता है। हालांकि पहले से बहुत बदलाव आया है जहां महिलाएं शादी से ज्यादा पैरेंट बनना पसंद कर रही हैं। हां, लेकिन आज भी शादी से पहले मां बनना एक बुरी बात मानी जाती है।

सिंगल मदर हैं नीना गुप्ता

एक औरत के जीवन में शादी सबसे ज्यादा अहम मानी जाती है। अक्सर इसका महत्व पढ़ाई और करियर से भी ज्यादा माना जाता है। ऐसे में कुंवारी मां, बिन ब्याही मां और बिन फेरे हम तेरे या लिव इन को स्वीकार लेना असंभव लगता है। ऐसा इसलिए क्योंकि समाज के एक बड़े वर्ग का कहना है कि विवाह के बिना सेक्स करना और गर्भ धारण करना पाप है। बच्चों को पालने के लिए एक पुरुष की उतनी ही जिम्मेदारी है जितनी की एक महिला की। हालांकि इन सारी बातों को एक्ट्रेस और सिंगल मदर नीना ने गलत साबित किया है।

ये बात 1988 की है जब नीना ने अपने परिवार वालों से बिना डरे कहा था, ‘मैं एक बच्चा पैदा करना चाहती हूं, लेकिन उसके पिता से मेरा शादी का कोई इरादा नहीं है’। आप अंदाजा लगा सकते कि उस वक्त उनके घर में इस खबर ने क्या हंगामा मचाया होगा। बता दें कि नीना गुप्ता और वेस्ट इंडीज क्रिकेट टीम के स्टार बैट्समैन विवियन रिचर्डस का अफेयर उन दिनों काफी सुर्खियों में आया था। हालांकि इनका रिलेशन ज्यादा वक्त तक नहीं चला था। इसके बाद भी नीना उनके बच्चे को जन्म देने के लिए तैयार हो गई थी।

नीना ने एक इंटरव्यू में इस बात का भी खुलासा कर दिया था कि उनके और विवयन के बीच कोई इमोशनल अटेचमैंट नहीं था। नीना जिस वक्त विवियन को डेट कर रही थीं उस समय वो अपनी पत्नी से अलग हो चुके थे, लेकिन उनका तलाक नहीं हुआ था। उस वक्त में नीना ने अपने करियर और समाज की परवाह ना करते हुए बिना शादी के मां बनने का फैसला कर लिया था। क्या आप सोच  सकते हैं कि अक्सर महिलाएं नीना गुप्ता की तरह बिना शादी के मां बनने के लिए क्यों मजबूर होती हैं?

समय पर प्रेग्नेंसी का पता ना चलना

कभी कभी महिलाओं को ऐसा कदम इसलिए भी उठाना पड़ता हैं क्योंकि उन्हें अपने प्रेग्नेंसी के बारे में समय से पता नहीं चलता। ऐसे मे गर्भपात का विकल्प उनके हाथ से निकल चुका होता है। बता दें कि गर्भधारण के 20 हफ्ते के बाद गर्भपात नहीं कराया जा सकता।

अकेलेपन को दूर करने के लिए

जिंदगी में अकेले रहना आसान नहीं होता शायद इसलिए भगवान ने इतने सारे रिश्ते बनाए है। वहीं कुछ औरतें अपने इस अकेलेपन को दूर करने के लिए गर्भधारण जैसे साहसी कदम उठा लेती हैं। उन्हें लगता है कि  जीवनसाथी से बेहतर है कि वो अपने बच्चे के साथ वो पूरा जीवन काट लें।

संयुक्त परिवार में ना रहना

सिंगल फैमिली या ज्वाइंट फैमिली में रहना हमारे जीने के तरीके के साथ-साथ हमारी सोच पर भी असर डालता है। जब हम संयुक्त परिवार में रहते हैं तो हमें अपने एक्शन का हर किसी को जवाब देना पड़ता है। वहीं सिंगल फैमिली में अक्सर लोग परिवार के दूसरे लोगों से डरते नहीं है और ऐसा फैसला कर लेते हैं।

स्वाभिमानी होना

कई औरतों का मानना होता है कि संबंध बनाने का फैसला उनका था ऐसे में वो अपने बच्चे को इसकी सजा नहीं दे सकती। कभी-कभार महिलाएं इन बातों को सोचकर गर्भधारण से पीछे नहीं हटती हैं और गर्भपात नहीं कराती हैं।

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