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सतपुड़ा के घने जंगलों में है ‘नागलोक’ का दरवाजा, यहां बनीं हुई है रहस्यम गुफा

पाताल लोक का जिक्र कई सारे ग्रंथों में मिलता है और रामायण ग्रंथ में पाताल लोक से जोड़ी एक कहानी भी है। इस कहानी के तहत अहिरावण राम जी और लक्ष्मण जी का अपहरण कर इन्हें पाताल लोक ले गया था। जिसके बाद राम और लक्ष्मण को बचाने के लिए हनुमान जी इन्हें ढूंढते हुए पाताल पहुंचे थे। कहा जाता है कि इस धरती पर पाताल लोक का रास्ता मौजूद है और इसके जरिए कोई भी पाताल लोक जा सकता है। इसी मार्ग से होते हुए हनुमान जी पाताल लोक पहुंचे थे। पाताल लोक की तरह ही कई सारे ग्रंथों में नागलोक का भी जिक्र किया गया है। माना जाता है कि नागलोक में कई सारे नाग रहते हैं और इनका एक राजा होता है। जिसे नाग राजा गया जाता है।

मध्य प्रदेश के जंगलों में है नागलोक

मध्य प्रदेश स्थित सतपुड़ा के घने जंगलों में नागलोक है। दरअसल इस जंगल में एक ऐसा रहस्यमयी रास्ता है जो सीधा नागलोक जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस रास्ते से होते हुए आप नागद्वार तक पहुंच जाते हैं। साल में सिर्फ कुछ दिनों के लिए ही लोगों को इस जगह पर जाने की अनुमति होती है। दूर-दूर से लोग नागद्वारी की यात्रा करने आते हैं और नागदेव के दर्शन करते हैं। ये यात्रा बारिश के समय होती है और बारिश के दौरान ये रास्ता और खतरनाक हो जाता है।

नागपंचमी में लगता है मेला

हर साल नागपंचमी के दौरान इस जगह पर मेला लगाया जाता है। इस दौरान काफी संख्या में लोग यहां आते हैं और नागद्वार के दर्शन करते हैं। इस जगह पर नागद्वारी स्थित एक गुफा भी है। जिसका नाम चिंतामणी गुफा है। ये गुफा 100 फीट लंबी है और यहां पर नागदेव की कई मूर्तियां मौजूद हैं। लोग इस जगह आकर इन मूर्तियों की पूजा करते हैं। इन मूर्ति के पास कई सारे सांप भी मौजूद होते हैं।

नागपंचमी से 10 दिन पहले ही ये मेला शुरू हो जाता है। सावन के दौरान होने वाले इस मेले में कई राज्यों के श्रद्धालु, खासतौर से महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से लोग यहां आते हैं। कई किलोमीटर पैदल चलकर वो यहां पहुंचते हैं और नागदेव की पूजा करते हैं। साथ में उनको दूध भी चढ़ाते हैं।

कालसर्प दोष हो जाता है दूर

ये मान्यता है कि जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है अगर वो इस जगह आकर नाग देवता की पूजा करें, तो ये दोष दूर हो जाता है। इसलिए कालसर्प दोष को खत्म करने के लिए लोग इस जगह जाकर नाग देवता की पूजा करते है और उन्हें दूध चढ़ाते हैं। नागद्वार की यात्रा सावन के महीने में होती है और इस दौरान खूब बारिश होती है। जिसकी वजह से जंगल और खतरनाक हो जाता है। ये यात्रा करते समय लोगों को काफी सारे सांप भी मिलते हैं। हालांकि ये सांप लोगों को किसी तरह की हानि नहीं पहुंचाते हैं।

इस जंगल में टाइगर रिजर्व भी है, जिसके चलते इसे साल में एक-दो दिन ही खोलने की अनुमित मिलती है। अगर आप भी नागलोक देखना चाहते हैं तो इस जगह जरूर जाएं। कहा जाता है कि नागलोक द्वार के पास ही स्वर्ग द्वार भी मौजूद है।

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