अध्यात्म

घर में किसी को अगर सांप काट दे तो करें ये 4 काम, पूरे परिवार को मिलेगा लाभ

सांप को दुनिया के सबसे खतरनाक जीवों में से एक माना जाता है। इसके जहर की दो बूंद भी यदि आपके शरीर में प्रवेश कर जाए तो कुछ ही देर में मृत्यु हो जाती है। धर्म ग्रन्थों की बात करें तो इसमें सांप को देवता की उपाधि प्राप्त है। इन ग्रंथों में सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पंचमी का पर्व मनाने की सलाह भी दी गई है। वहीं भविष्य पुराण में सांपों को लेकर कई दिलचस्प बातों का जिक्र देखने को मिलता है। इस पुराण के अनुसार यदि सांप के काटने से किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाए तो उसके परिवार को कुछ खास उपाय करने होते हैं।

नाग व्रत करें

दरअसल भविष्य पुराण के अनुसार जब किसी व्यक्ति की सांप के काटने से मौत हो जाती है तो वो अगले जन्म में एक विषहीन सांप के रूप में जन्म लेता है। सर्प योनि में पैदा होने के कारण वहां उसे कई सारे कष्टों को झेलना पड़ता है। ऐसा न हो और मृतक स्वर्ग का सुख प्राप्त कर एक उत्तम परिवार में जन्म ले, इसलिए कुछ खास उपाय करने होते हैं। सर्पदंश से मरने वाले के रिश्तेदार को उसकी मुक्ति के लिए नाग व्रत करना चाहिए। यह व्रत करने से नागराज वासुकी आपके पितरों को मुक्ति प्रदान करते हैं। इसके साथ ही पूजा करने वाला व्यक्ति नागलोक में सुख भोगता है। इतना ही नहीं उसे द्वापर युग में राजा बन पृथ्वी का सुख भी प्राप्त होता है।

सोने या मिट्टी के नाग की पूजा

यदि आप अपने पूर्वजों को सर्प योनी से मुक्ति दिलाना चाहते हैं तो आपको नाग पंचमी के दिन सोने या मिट्टी से नाग बनवाना चाहिए। इसके बाद इसकी विधिवत पूजा करनी चाहिए। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करता है उसके परिवार में किसी को भी सर्पदंश का डर नहीं रहता है। आपको नाग पंचमी पर सर्वप्रथम नाग की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद कुछ मीठा भोजन ग्रहण करना चाहिए। यह होने के बाद ही कुछ अन्य खाद्य सामाग्री खाना चाहिए।

सोने के नाग का दान

नागपंचमी के दिन सोने का नाग किसी गरीब और भूखे व्यक्ति को दान करना भी लाभकारी होता है। आपको पहले उस भूखे व्यक्ति को भरपेट भोजन करवाना चाहिए। इसके बाद उसे सोने का नाग दान में दे देना चाहिए। ऐसा कर आप अपने पितरों को को सर्प योनी से मुक्ति दिला देते हैं। इतना ही नहीं इस उपाय को करने वाले को भी विशेष फल की प्राप्ति होती है। यह दान करने वाला मृत्यु के पश्चात नागराज वासुकी के संग नागलोक का सुख प्राप्त करता है। अगले जन्म में उसे एक उत्तम परिवार भी मिलता है।

सांप को मारे नहीं

यदि आपके परिवार में किसी कि सांप के काटने से मृत्यु हो जाए तो उस सांप को मारना नहीं चाहिए। सांप दिखने पर आस्तिक-आस्तिक बोलना चाहिए। पुराण के अनुसार राजा जनमेजय के नागयज्ञ में कई नाग जल रहे थे जिसे आस्तिक मुनि ने बचाया था। तब उन्हें नागवंश ने वरदान दिया था कि जो भी व्यक्ति आस्तिक मुनि का नाम लेगा उसे नागवंशी नाग नहीं काटेंगे।

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